नई दिल्ली: अनंत हेगड़े के जवाब को बीजेपी की अनुशासन समिति को भेजा गया है. कल अनंत हेगड़े को महात्मा गांधी पर दिए गए बयान के बाद कारण बताओ नोटिस पार्टी की तरफ से जारी किया गया था. इसके बाद अनंत हेगड़े ने पार्टी को जवाब भेजा था कि उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर ना तो कोई टिप्पणी की है और ना ही उनका नाम लिया है. अनंत हेगड़े के इस जवाब को पार्टी की अनुशासन समिति को भेज दिया गया है.


महात्मा गांधी पर विवादास्पद बयान देने वाले बीजेपी सांसद अनंत हेगड़े पर बीजेपी ने कार्रवाई की थी. शीर्ष नेतृत्व की नाराजगी के बाद बिना शर्त माफी मांगने को कहा था. साथ ही उन पर बीजेपी पार्लियामेंट्री पार्टी की बैठक में आने पर प्रतिबंध लगाया था.


कर्नाटक की उत्तर कन्नड़ लोकसभा सीट से सांसद अनंत हेगड़े को महात्मा गांधी पर दिए गए बयान पर बिना शर्त माफी मांगने को कहा गया है. सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेतृत्व सांसद अनंत हेगड़े के महात्मा गांधी पर दिए गए बयान से बेहद खफा है और इस बयान की सत्यता परखने के बाद पार्टी के नेतृत्व ने उन्हें अपने बयान को वापस लेने और बिना शर्त माफी मांगने को कहा है. इसके अलावा पार्टी ने अपनी तरफ से संसद सत्र के दौरान होने वाली पार्लियामेंट्री पार्टी की बैठक में उनके आने पर प्रतिबंध लगा दिया है.


बेंगलुरु के पास एक रैली में हेगड़े ने बयान दिया था कि महात्मा गांधी का आजादी के आंदोलन में नेतृत्व एक ड्रामेबाजी थी. महात्मा गांधी को महात्मा की उपाधि देना बिल्कुल भी जायज नहीं है. अनंत हेगड़े ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने जिस स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया वह वास्तविक आंदोलन नहीं बल्कि ड्रामा था. अनंत हेगड़े ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के उस ड्रामे का मंचन अंग्रेजों की सहमति से किया गया था.


इन तथाकथित नेताओं में से किसी को भी पुलिस ने एक बार भी नहीं पीटा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का समर्थन करने वाले लोग कहते हैं कि भारत को आजादी बलिदान और सत्याग्रह से मिली है. बीजेपी सांसद ने कहा कि यह सच नहीं है. अंग्रेजों ने सत्याग्रह के कारण देश नहीं छोड़ा है.


अनंत हेगड़े मोदी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. हेगड़े ने कहा कि इतिहास पढ़ने पर उनका खून खौल उठता है. ऐसे लोग भी हमारे देश में महात्मा बन जाते हैं. इससे पहले भी अनंत हेगड़े का एक बयान सुर्खियों में रहा था. जिसमें उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि बेंगलुरु को हिंदुत्व की राजधानी बना दिया जाना चाहिए.


इस बयान के बाद अनंत हेगड़े एक बार फिर से विवादों में घिर गए हैं और पार्टी ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए उन्हें बिना शर्त माफी मांगने और बीजेपी पार्लियामेंट्री पार्टी की बैठक में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया है.


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