Shahnawaz Attacks On Owaisi: बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने असदुद्दीन ओवैसी पर करारा हमला किया है. उन्होंने ओवैसी को देश तोड़ने वाला नेता करार दिया है. उन्होंने कहा कि देश में न कभी कीर्तन बंद होंगे और न कभी अजान बंद होगी. उन्होंने ओवैसा पर हमला करते हुए कहा कि वो डायनामाइट लेकर चलते हैं और जहां मन होता है फोड़ देते हैं. वो कोई धर्म के ठेकेदार नहीं हैं बल्कि एक नेता हैं, एक एमपी हैं और उनको उसी तरह की बात करनी चाहिए. ओवैसी डायनामाइट और हम फेविकॉल लेकर चलते हैं.


देशभर में लाउडस्पीकर को लेकर राजनीति तेज होती जा रही है. विवाद महाराष्ट्र से शुरू होकर देश के कई राज्यों में फैल चुका है. यूपी में तो लाउडस्पीकर पर ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है. इसी को लेकर ओवैसी और शाहनवाज आमने-सामने हैं.


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लाउडस्पीकर पर तो कोर्ट ने लगाई रोक


इस मामले पर शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जब पहली बार अजान हुई थी तब लाउडस्पीकर कहां था. पहली बार अजान लाउडस्पीकर पर नहीं हुई थी. कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि अजान पर रोक है लेकिन अजान पर तो कोई रोक नहीं है. लाउडस्पीकर पर कोर्ट ने रात 10 बजे के बाद रोक लगा दी है. शाहनवाज ने ओवैसी को देश तोड़ने वाला नेता बताया. ये बात उन्होंने बिहार के दरभंगा में पत्रकारों से बात करते हुए कही.


ओवैसी तोड़ते हैं तो हम फेविकॉल से जोड़ देते हैं- शाहनवाज


शाहनवाज हुसैन ने ओवैसी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ओवैसा डायनामाइट से तोड़ने का काम करते हैं तो हम भी फेविकॉल से जोड़ने का काम करते हैं. उन्होंने कहा कि वो कोई धर्म के ठेकेदार या मौलाना तो नहीं तो हैं नहीं. वो एक नेता हैं और लोकसभा के सदस्य हैं तो उन्हें उसी तरह से बात करनी चाहिए. क्या किसी धर्म ने ओवैसी को बात करने का ठेका दे रखा है. उन्होंने कहा कि संसद के फ्लोर पर 22 साल पहले कहा था कि भारत के मुसलमानों के लिए भारत से अच्छा देश और हिंदू से अच्छा दोस्त नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि चाहे तो इस बयान को गूगल कर लेना.


तेजस्वी यादव भी कूदे मैदान में


लाउडस्पीकर विवाद में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी कूद गए हैं. उन्होंने भी लाउडस्पीकर विवाद पर बयान दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वो लाउडस्पीकर को मुद्दा बनाने वालों से पूछते हैं कि लाउडस्पीकर की खोज 1925 में हुई थी और भारत के मंदिरों और मस्जिदों में इसका उपयोग 70 के दशक के आसपास हुआ है. जब लाउडस्पीकर नहीं था तब भगवान या खुदा नहीं थे क्या. बिना लाउडस्पीकर के प्रार्थना, जागृति, भजन, भक्ति व साधना नहीं होती थी क्या. उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म और ईश्वर कहीं किसी लाउडस्पीकर के मोहताज नहीं है.


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