प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के आवास पर आयोजित गणेश पूजा में शामिल हुए. इसे लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है. वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, उद्धव गुट के सांसद संजय राउत समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने इसे लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. अब बीजेपी ने भी इस पर पलटवार करते हुए 2009 की घटना को याद दिलाया है. तब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की इफ्तार पार्टी में सीजेआई केजी बालाकृष्णन शामिल हुए थे. 


बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, 2009 में पीएम मनमोहन सिंह की इफ्तार पार्टी में सीजेआई केजी बालाकृष्णन शामिल हुए थे. ये सेक्युलर है और न्यायतंत्र सुरक्षित है. लेकिन जब पीएम मोदी सीजेआई के आवास पर गणेश पूजा में शामिल होते हैं तो न्यायतंत्र से समझौता हो जाता है. 


क्यों हुआ ये पूरा विवाद?


दरअसल, ये पूरा विवाद उस वीडियो के सामने आने के बाद हुआ, जिसमें सीजेआई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी अपने घर में गणेश पूजा में शामिल होने पहुंचे पीएम मोदी का स्वागत करते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने हैरानी जताई. उन्होंने लिखा, 'हैरत होती है कि सीजेआई चंद्रचूड़ ने मोदी को निजी मुलाकात के लिए अपने आवास पर आने की अनुमति दी. इससे न्यायपालिका को बहुत बुरा संकेत मिलता है, जिस पर नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि सरकार संविधान के दायरे में काम करे. इसलिए कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच एक दूरी होनी चाहिए. 


संजय राउत ने भी साधा निशाना


 संजय राउत ने भी पीएम मोदी के चीफ जस्टिस के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा, अगर संविधान के रखवाले इस प्रकार से राजनीतिक नेताओं से मिलते हैं तो लोगों के मन में शंका पैदा हो सकती है. इसके अलावा शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इसे लेकर सवाल खड़े किए.