मुंबई: बीजेपी-शिवसेना के बीच गठबंधन को लेकर फॉर्मूला तय हो गया है. इसके तहत महाराष्ट्र में बीजेपी 25 और शिवसेना 23 सीटों पर लड़ेगी. वहीं विधानसभा में फिफ्टी-फिफ्टी का फॉर्मूला तय किया गया है. बीजेपी ने शिवसेना के लिए पालघर की सीट छोड़ी है. शिवसेना पालघर लोकसभा सीट के लिए अड़ी थी. पालघर की सीट बीजेपी की परंपरागत सीट रही है.


कुछ महीने पहले हुए उपचुनाव में शिवसेना को बीजेपी के खिलाफ यहां हार का सामना करना पड़ा था. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 24 और शिवसेना 20 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इस चुनाव में बीजेपी ने 23 और शिवसेना ने 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी. सूबे में लोकसभा की 48 सीटें है.


राणे का झटका
बीजेपी-शिवसेना के बीच सीटों को लेकर बनी सहमति के बीच पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने झटका दिया है. राणे ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी. महाराष्ट्र के तटीय कोंकण क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले राणे ने कहा कि उनकी पार्टी न तो कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन और न ही बीजेपी और शिवसेना से गठबंधन करेगी.


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पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुये राणे ने यह भी घोषणा की कि उनका बेटा नीलेश राणे रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग संसदीय सीट से प्रत्याशी होगा. राणे ने कहा कि उनकी पार्टी कुछ लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. राणे की पार्टी महाराष्ट्र स्वाभिमानी पक्ष (एमएसपी) सत्तारूढ़ बीजेपी की एक सहयोगी है.


शाह-ठाकरे की होगी मुलाकात
सूत्रों के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर सकते हैं. 14 फरवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ठाकरे से विदर्भ का दौरा बीच में छोड़ कर मिलने आए थे. तब मुख्यमंत्री ने कहा था कि ‘वार्ता सकारात्मक’ रही. मुख्यमंत्री के साथ बीजेपी नेता और राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल भी थे.


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शिवसेना ने पिछले कुछ महीनों में कई मौकों पर कहा है कि वह अकेले चुनाव लड़ेगी. आपको बता दें कि महाराष्ट्र और केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार में रहने के बावजूद शिवसेना लगातार सरकार पर हमला बोल रही थी. पार्टी राम मंदिर, बेरोजगारी, कश्मीर जैसे मुद्दों पर लागातर बीजेपी को घेर रही थी. यही नहीं विपक्षी दलों के साथ भी कई मौकों पर दिखी. लेकिन महाराष्ट्र में कांग्रेस-शिवसेना के बीच हुए गठबंधन के बीच शिवसेना और बीजेपी के बीच बात बन गई है.