मुंबई: महाराष्ट्र में किसी भी समय विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो जाएगी लेकिन बीजेपी-शिवसेना गठबंधन में सीट बंटवारे का पेंच अब भी फंसा है. हालांकि दोनों ही पार्टियों के प्रमुख लगातार गठबंधन बरकरार रहने का दावा जरुर कर रहे हैं. लेकिन बंद कमरे में होनेवाली बैठकों में दोनों ही पार्टी के नेता अपने-अपने कार्यकर्ताओं को अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी करने के निर्देश भी दे रहे हैं. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ रविवार को हुई बैठक में कहा कि विधानसभा की सभी 288 सीटों पर तैयारी रखें.
रविवार को मातोश्री में हुई पार्टी नेताओं की बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर चर्चा चल रही है. लेकिन शिवसेना को कम सीटें देनी की बात की जा रही है. उन्होंने कहा, ''मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से हमारी 50-50 फ़ॉर्मूले की बात हुई थी. मुझे आशा है कि दिया हुआ वचन बीजेपी पूरा करेगी. लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने मुझे नहीं तो स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे को शब्द दिया था.''
उन्होंने कहा, ''गठबंधन हो इस दिशा में हम काम कर रहे हैं लेकिन अगर गठबंधन टूटा तो आप सभी को 288 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहना होगा.''
उद्धव ठाकरे के इस बयान से साफ पता चलता है कि गठबंधन में फिलहाल सबकुछ ठीक नहीं है. पिछले विधानसभा चुनाव की तरह ही इस बार भी अंत में गठबंधन टूट सकता है. पिछली बार दोनों पार्टी अलग-अलग होकर चुनाव लड़ी थी.
दरअसल लोकसभा चुनाव के पहले ही बीजेपी और शिवसेना के बीच विधानसभा में 50-50 का फॉर्मूला तय किया गया था. आज की स्थिति में बीजेपी ये मानती है कि उन्हें ज़्यादा सीटें मिलनी चाहिए. लेकिन बीजेपी शिवसेना का साथ नहीं छोड़ना चाहती.
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बीजेपी भले ही अकेले सत्ता हासिल करने का दम भर रही हो. लेकिन उसे पता है कि साल 2014 की शिवसेना और आज की शिवसेना में काफी अंतर है. आज शिवसेना भी अकेले चुनाव लड़ने पर बेहतर प्रदर्शन कर सकती है.
174-114 के फॉर्मूले के बाद अब नया प्रस्ताव शिवसेना के सामने रखा गया है. इसके मुताबिक बीजेपी 155, शिवसेना 120 और अन्य को 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. जानकार मानते हैं कि ये फॉर्मूला शिवसेना को मंजूर हो सकता है.