मुंबई: सुशांत सिंह राजपूत मौत मामला, कंगना रनौत बनाम शिवसेना के पूरे एपीसोड पर पहली बार अपना चुप्पी तोड़ते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने बड़ा बयान दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत मृत्यु का मामला, बॉलीवुड का ड्रग्स कनेक्शन ये सब हिंदी फ़िल्म जगत को बदनाम करने का षड्यंत्र था.


उद्धव ठाकरे ने अपने बयान में कहा, “मुंबई न केवल आर्थिक बल्कि महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी भी है. आज बॉलीवुड का फिल्में हॉलीवुड की फिल्मों से ज्यादा लोकप्रिय हो रही हैं. इन बॉलीवुड फिल्मों के प्रशंसक पूरी दुनिया में हैं. सिनेमा एक बड़ा मनोरंजन उद्योग है और यह कई लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करता है, जबकि फिल्में हमारे अभिनेताओं को लोकप्रिय बनाती हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों में, बॉलीवुड को समाज के कुछ वर्गों द्वारा बदनाम किया गया है. यह बहुत दुखद बात है. बॉलीवुड को ख़त्म करने की कोशिश की जा रही है और यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”


उद्धव ठाकरे इस बयान के जरिए संकेत दे रहे है कि वह बॉलीवुड इंडस्ट्री के साथ खड़े हैं और किसी भी राजनीतिक षड्यंत्र से उन्हें बचाने के लिए ढाल बनकर खड़े रहेंगे.


इससे पहले बॉलीवुड में कई कलाकार राजनीति में आए कई चुनाव लड़कर देश की राजनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बने लेकिन कभी राजनीतिक पार्टी की निकटता के आधार पर बॉलीवुड में गुट नहीं बने ना कभी राजनीतिक पार्टियों के कहने पर एक दूसरे पर बयानबाज़ी या हमले किए गए. लेकिन सुशांत सिंह राजपूत मामले से लेकर बॉलीवुड ड्रग्स कनेक्शन तक सभी मामलों में राजनीतिक षड्यंत्रों की बू आती रही. उद्धव ठाकरे इस का ज़िक्र करते हुए बॉलीवुड का हमदर्द बनकर बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं.


हाल फिलहाल में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बॉलीवुड के कुछ कलाकारों को नोएडा में फिल्म इंडस्ट्री बनाने को लेकर एक बैठक में आमंत्रित किया. इसी मुलाक़ात को बॉलीवुड को मुंबई से अलग करने की राजनीतिक साज़िश बताकर उद्धव ठाकरे बॉलीवुड को अपना बनाना चाहते है.


उद्धव ठाकरे का ये बयान उनकी सोची समझी रणनीति का हिस्सा है ऐसा कहना भी ग़लत नहीं होगा. सुशांत सिंह की मौत के मामले में कई बॉलीवुड अभिनेताओं के नाम सामने आए, कभी पार्टी में तो कभी ड्रग्स कनेक्शन में. एक के बाद एक अभिनेताओं से पूछताछ होती गई. बॉलीवुड इस जांच से काफी नाराज था और इसी नाराजगी को शिवसेना बीजेपी के खिलाफ इस्तेमाल करने की कोशिश में जुटी है.


शिवसेना की सिने विंग के प्रमुख आदेश बांदेकर ने कहा, “हम पूरी तरह से बॉलीवुड के साथ हैं. बॉलीवुड को बदनाम करने की हर कोशिश को हम कामयाब नहीं होने देंगे. बॉलीवुड हमारा था, है और रहेगा.”


शिवसेना के बचाव में एनसीपी भी उतर आई एनसीपी के नेता और मंत्री नवाब मलिक ने कहा “बॉलीवुड को मुंबई से कोई अलग नहीं कर सकता. मुंबई की वजह से ही हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री का नाम बॉलीवुड रखा गया. मुंबई और बॉलीवुड एक दूसरे की पहचान है और इस पहचान को कोई राजनीतिक दल नहीं मिटा सकता.”


वहीं बीजेपी ने मुख्यमंत्री के इस कोशिश को मगरमच्छ के आंसू करार दिया. बीजेपी प्रवक्ता राम कदम ने कहा, “मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में इंडस्ट्री के लिए कुछ नहीं किया ना कोई राहत पैकेज दिया ना ही कोई अन्य मदद की. केवल राजनीति करने के लिए ये हमदर्दी और साथ होने का दिखावा किया जा रहा है.”


बॉलीवुड और राजनीति के रिश्ते के बारे में कुछ अलग बताने की जरुरत नहीं. कई अभिनेताओं और राजनेताओं के बीच अच्छे संबंध रहे हैं, विशेष रूप से ठाकरे और पवार इन दो दिग्गज परिवारों के और बॉलीवुड अभिनेताओं के बीच बेहद मधुर संबंध रहे  हैं, लेकिन जैसे-जैसे पीढ़ी बदली है, वैसे-वैसे अभिनेताओं और राजनेताओें के लिए रिश्ते बदलते गए.


लेकिन अब बात बॉलीवुड में हो रहे राजनीतिक हस्तक्षेप की है और आनेवाले दिनों में बॉलीवुड को लेकर बीजेपी बनाम शिवसेना के बीच ये संघर्ष और भी बढ़ने के पूरे आसार हैं.


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