चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान, बताई पहली प्राथमिकता
एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली है. आज उन्हें राज्यपाल लालजी टंडन ने राजभवन में सीएम पद की शपथ दिलाई.
भोपाल: बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने आज सादे कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. चौथी बार है जब शिवराज सूबे के मुख्यमंत्री बने हैं. उनके साथ आज मंत्रियों को शपथ नहीं दिलाई गई.
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मेरी सबसे पहली प्राथमिकता COVID-19 से मुक़ाबला है. इससे पहले शाम सात बजे यहां हुए बीजेपी विधायक दल की विशेष बैठक में उन्हें निर्विरोध नेता चुना गया.
आप की शुभकामनाओं के लिए हृदय की गहराइयों से धन्यवाद।
मेरी सबसे पहली प्राथमिकता #COVIDー19 से मुक़ाबला है। बाक़ी सब बाद में... — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 23, 2020
बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद अपने सम्बोधन में चौहान ने कहा, ‘‘हम परिश्रम की पराकाष्ठा दिखाएंगे. जाने वाली सरकार सब तबाह कर गयी है. इसके एक नहीं अनेक उदाहरण हैं लेकिन मैं उसमें नहीं जाना चाहता.’’
चौहान ने कहा, ‘‘शासन करने की शैली में भी अब परिवर्तन किया जायेगा. फैसले बोलेंगे, काम बोलेगा. हम सब मिलकर, सबको साथ लेकर काम करेंगे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले कोरोना का संकट है. हमारे कार्यकर्ताओं तथा जनता से अपील है कि यह जश्न का समय नहीं है. ये तत्काल काम में जुटने का समय है. कोई घर से बाहर ना निकलें. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो इच्छा शक्ति दिखाई है उससे जुड़ना है. संपर्क की चेन तोड़ना है. कोई समारोह नहीं होगा. शपथ लेने के तत्काल बाद वल्लभ भवन (प्रदेश मंत्रालय) में बैठ जाउंगा, कोरोना से निपटने के लिए.’’
चौहान ने कहा, ‘‘इस महामारी से निपटना है. पूरी ताकत के साथ मिलकर इस महामारी से निपटेंगे. बीमारी से लड़ेंगे, जुझेंगे और इसे समाप्त करेंगे. फिर से प्रदेश का विकास करेंगे.’’
उन्होंने पार्टी नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘मैं यह विश्वास दिलाता हूं कि पार्टी नेतृत्व के विश्वास पर खरा उतरुंगा. 15 साल बेहतर शासन किया अब और बेहतर होगा, कोई कमी, चूक रह गई तो उसमें सुधार होगा. मध्यप्रदेश को भारत का नंबर एक राज्य बनायेंगे.’’
विधायक दल की बैठक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और बीजेपी के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा मौजूद थे.