नई दिल्ली: देश में राजनीतिक फंडिंग को पारदर्शी बनाने को लेकर छिड़ी बहस के बीच माकपा ने आज बीजेपी से यह बताने की मांग की कि वह मौजूदा विधानसभा चुनावों में अपनी ‘बड़ी-बड़ी रैलियों’ के लिए पैसे कहां से ला रही है.


पत्रकारों से यहां बातचीत में माकपा महासचिव येचुरी ने यह दावा भी किया कि देश भर में ‘बदलाव की बयार’ चल रही है. उन्होंने संकेत दिए कि पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों के परिणाम विपक्षी पार्टियों के लिए सकारात्मक हो सकते हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पार्टियों की राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता के मुद्दे को उठाती रही है.’’ येचुरी ने कहा, ‘‘राजनीतिक फंडिंग की व्यवस्था की सफाई पर नैतिकता वाला रूख अपनाने से पहले उन्हें बताना चाहिए कि वे इतनी बड़ी-बड़ी रैलियों के लिए पैसे कहां से ला रहे हैं... उन्हें पैसे कहां से मिल रहे हैं ?’’ माकपा पोलित ब्यूरो की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में राज्यसभा सांसद ने यह चिंता जाहिर की.


उन्होंने फंडिंग की व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाने के लिए राजनीतिक पार्टियों पर दो हजार रूपए से ज्यादा का चंदा नगद में नहीं लेने और ‘चुनावी बांड’ योजना शुरू करने जैसे प्रावधान बजट में करने को लेकर कहा कि ऐसे सुधार ‘‘महज छलावा’’ हैं.


येचुरी ने कहा कि इन सुधारों से धनशोधन की गुंजाइश बढ़ जाएगी क्योंकि सरकार को छोड़कर किसी अन्य को पता ही नहीं चलेगा कि बांड कौन दे रहा है और कौन खरीद रहा है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को कॉरपोरेट जगत से मिलने वाले चंदे पर पाबंदी लगनी चाहिए.