राहुल बताएं किंगफिशर एयरलाइंस और गांधी परिवार के बीच क्या रिश्ता है: बीजेपी
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने आज कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं और अप्रत्यक्ष रूप से किंगफिशर कंपनी पर गांधी परिवार का ही मालिकाना हक है.
नई दिल्लीः कल ही विजय माल्या ने एक बड़ा दावा किया था कि वो देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला था और उसने बैंकों के लोन को लेकर सेटलमेंट की बात की थी. कल से ही विपक्ष इस मसले को लेकर वित्त मंत्री, प्रधानमंत्री और बीजेपी पर हमलावर है. अब आज इसका जवाब देते हुए बीजेपी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और उल्टा राहुल गांधी और सोनिया गांधी के ऊपर निशाना साधा है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल को गांधी परिवार और किंगफिशर एयरलाइंस के संबंधों के बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए. राहुल गांधी जो बेल पर बाहर हैं उन्हें इस बात का जवाब देना चाहिए कि ये रिश्ता क्या कहलाता है.
बीजेपी का राहुल गांधी पर हमला राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि जिसके ऊपर खुद इतने गंभीर आरोप हो वह माल्या के मुद्दे पर किस मुंह से सवाल पूछेगा. कल विजय माल्या के बयान के बाद कांग्रेस को लगा था कि वो इस मुद्दे पर बीजेपी को घेर लेगें लेकिन विजय माल्या के पलटने से राहुल गांधी खुद ही बैकफुट पर आ गए हैं.
किंगफिशर एयरलाइंस और गांधी परिवार के संबंध होने का किया दावा संबित पात्रा ने आज कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं और अप्रत्यक्ष रूप से किंगफिशर कंपनी पर गांधी परिवार का ही मालिकाना हक है. ये बात रिकॉर्ड में है कि जब भी सोनिया गांधी. राहुल गांधी, प्रियंका वढेरा और रॉबर्ट वढेरा किंगफिशर एयरलाइंस से सफर करते थे उनका बिनजेस क्लास अपेग्रेडेशन बिना किसी कॉस्ट के होता था और ये बात मीडिया में भी है. फ्री टिकिट्स जैसी सुविधाएं गांधी परिवार को मिलती थीं.
कांग्रेस पर लगाया माल्या की मदद करने का आरोप बीजेपी ने इसके साथ ही यह भी बताने की कोशिश की माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइन की वित्तीय हालत खराब थी लेकिन इन सबके बावजूद कांग्रेस सरकार ने उस दौरान माल्या की कंपनियों को लोन दिलवाया. इतना ही नहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी माल्या को मदद का भरोसा दिलाया था और बाद में मदद की भी गई.
आरबीआई और बैंकों के कई पत्र ऐसे हैं जिनसे साफ है कि सभी नियमों को दरकिनार रखते हुए किंगफिशर एयरलाइंस को कई तरह की रियायत लोन मिलने और लोन की मियाद बढ़ाने, रीस्ट्रक्चरिंग आदि में दी गई.
आरबीआई की 27 अगस्त 2010 की चिट्ठी का दिया हवाला किंगफिशर एयरलाइंस की खराब आर्थिक हालत को देखते हुए इनके लोन की रीस्ट्रक्चरिंग करने के लिए आरबीआई ने 27 अगस्त 2010 को एसबीआई को चिट्ठी लिखी गई थी. 2004 में पहली बार किंगफिशर एयरलाइंस को लोन दिया गया, 2008 में इसकी रीस्ट्रक्चरिंग की गई और 2009 में इसे एनपीए घोषित कर दिया गया. 2010 में इसकी दोबारा रीस्ट्रक्चरिंग हुई और 2012 के आसपास उसकी सेकेंडरी रीस्ट्रक्चरिंग की गई. ये सब मनमोहन सिंह की यूपीए की सरकार के दौरान हुआ.
सेकेंडरी रीस्ट्रक्चरिंग पूरे एविएशन सेक्टर के लिए नहीं हुई बल्कि सिर्फ किंगफिशर एयरलाइंस के लिए ये किया गया. यूपीए सरकार के दौरान हर वो सिफारिश की गई और नियमों, पॉलिसी को मोड़ा गया जिससे किंगफिशर एयरलाइंस को फायदा हुआ. इसको फायदा पहुंचाने के लिए हर नियम को ताक पर रख दिया गया.
9 मार्च 2012 को एक और चिट्ठी एसबीआई को लिखी गई 9 मार्च 2012 को आरबीआई की तरफ से एक चिट्ठी एसबीआई को और लिखी गई जिसमें किंगफिशर एयरलाइंस को फायदा पहुंचाने के लिए कहा गया. इसके तहत लिखा गया कि उसके अकाउंट को सब स्टैंडर्ड अकाउंट घोषित करने के लिए बैंक तैयार नहीं हैं. इसका साफ अर्थ है कि किंगफिशर एयरलाइंस के जो अकाउंट एनपीए और डिफॉल्ट घोषित हो चुके थे उसके बावजूद यूपीए सरकार उसके खातों को सब स्टैंडर्ड अकाउंट घोषित नहीं करना चाहती थी.
इसके अलावा पत्र में ये भी लिखा गया कि किंगफिशर एयरलाइंस के सेकेंडरी रीस्ट्रक्चरिंग की बात छुपाकर की जाए और इसे सेकेंडरी रीस्ट्रक्चरिंग के तौर पर न देखा जाए बल्कि इसका उल्लेख बैंक के रिकॉर्ड में न किया जाए. इसके अलावा प्री-डिलीवरी पेमेंट यानी (पीडीपी) लोन को सिक्योर्ड लोन के तौर पर देखे जाने के लिए बैंकों को पत्र लिखे गए. इसके अलावा किंगफिशर एयरलाइंस के सभी पीडीपी को सिक्योर्ड लोन के तौर पर देखे जाने का आदेश दिया गया था.
सबसे बड़ी बात ये है कि ये रियायत सिर्फ किंगफिशर एयरलाइंस के लिए है और किसी अन्य कंपनी के लिए नहीं होगी. केवल किंगफिशर एयरलाइंस के लोन की रीस्ट्रक्चरिंग की जाए और इस प्रक्रिया को छुपा कर किया जाए और किसी को इसके बारे में न बताया जाए.
एसबीआई ने भी लिखा आरबीआई को पत्र संबित पात्रा ने ये भी बताया कि इसके अलावा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के जनरल मैनेजर ने आरबीआई को चिट्ठी लिखी कि एयरलाइंस इंडस्ट्री यानी किंगफिशर एयरलाइंस मुश्किल दौर में गुजर रही है और इसके लिए नियमों में रियायत देनी चाहिए यानी रीस्ट्रक्चरिंग गाइडलाइंस में कुछ संशोधन किये जाने की सिफारिश की जाए. क्या एयरलाइंस इंडस्ट्री का मतलब सिर्फ किंगफिशर एयरलाइंस ही था?
खुद प्रधानमंत्री ने कही किंगफिशर एयरलाइंस के लिए रियायत की बात 14 नवंबर 2011 को तत्कालीन प्रधानमंत्री ने कहा था कि किंगफिशर एयरलाइंस को डूबने से बचाना चाहिए और चाहे कोई भी स्थिति हो हमें उसको बचाना चाहिए. इसको लेकर भी संबित पात्रा ने सवाल किया कि ऐसा क्या रिश्ता था जिसके चलते किंगफिशर एयरलाइंस को बचाने के लिए सरकार की तरफ से हरसंभव कोशिश की जा रही थी.
बीजेपी के अन्य आरोप बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कई दस्तावेजों के आधार पर यह साबित करने की कोशिश की कि जब राहुल और सोनिया गांधी के मालिकाना हक वाली कंपनी यंग इंडिया ने नेशनल हेराल्ड को 50 लाख रुपए का कर्ज दिया था तो वह कर्ज़ देने के लिए यंग इंडिया कंपनी ने डोटैक्स कंपनी से एक करोड़ रुपए का लोन लिया था. लेकिन जब जांच एजेंसी ने डोटैक्स कंपनी से यंग इंडिया कंपनी ने लोन की पड़ताल की तो वह एक शेल कंपनी निकली और उस कंपनी का मालिक उदय शंकर महावर नाम का एक शख्स था.
जांच एजेंसी ने जब उदयशंकर महावर से पूछताछ की तो उदयशंकर ने बताया कि उसके पास एक दो नहीं बल्कि 200 शेल कंपनी है. बीजेपी ने उदयशंकर महावर के जांच एजेंसी के सामने दिए गए बयान का जिक्र करते हुए कहा कि जिस कंपनी से यंग इंडिया ने एक करोड़ का लोन लिया था वह कंपनी ही शेल कंपनी निकली इससे पता चलता है कि किस तरह से राहुल गांधी ने यह तरीका अपनाकर अपने काले धन को सफेद किया है.
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