Congress Vs BJP: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से कांग्रेस ने दूरी बनाई है. मंगलवार (16 जनवरी) को कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तीसरे दिन नगालैंड में राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए राम मंदिर में न जाने को लेकर कहा कि यह चुनावी, राजनीतिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस का कार्यक्रम है, ऐसे किसी कार्यक्रम में उनके लिए जाना बहुत मुश्किल है.


राहुल गांधी के बयान के बाद बीजेपी ने कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अन्य घटक दलों पर निशाना साधा. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार (17 जनवरी) को कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह से दूरी बनाने वालों का लोग फिर से बहिष्कार कर सकते हैं. इस पर कांग्रेस से भी पलटवार किया गया. कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि हर घर में मंदिर होता है... ये राजनीतिक समीकरण है.''


राहुल गांधी ने क्या कहा था?


राहुल गांधी ने मंगलवार को नगालैंड के चिफोबोजू में अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से जुड़े सवाल पर संवाददाताओं से कहा था, ''राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और बीजेपी ने 22 जनवरी के कार्यक्रम को पूरी तरह से राजनीतिक और 'नरेंद्र मोदी फंक्शन' बना दिया है. यह संघ और बीजेपी का कार्यक्रम बन गया है. यही कारण है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे.''


राहुल ने कहा, ''हम सभी धर्मों के साथ हैं. हिंदू धर्म से जुड़े सबसे प्रमुख लोगों (शंकराचार्य) ने भी अपने विचार प्रकट किए हैं कि यह एक राजनीति कार्यक्रम है. इसलिए हमारे लिए ऐसे किसी कार्यक्रम में जाना बहुत मुश्किल है जिसे प्रधानमंत्री और संघ के इर्द-गिर्द तैयार किया गया है.'' उन्होंने दावा किया कि यह चुनावी कार्यक्रम है और इसके जरिए चुनावी माहौल तैयार किया जा रहा है.


केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर क्या बोले?


प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले बीजेपी राष्ट्रव्यापी स्वच्छ तीर्थ अभियान चला रही है, जिसमें मंदिरों और उनके आसपास स्वच्छता कार्यों में बीजेपी नेताओं को श्रमदान देते हुए देखा जा रहा है. नई दिल्ली में बुधवार (17 जनवरी) को बीजेपी की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा के साथ अनुराग ठाकुर ने वाल्मीकि मंदिर परिसर की साफ-सफाई की और कांग्रेस के साथ विपक्षी गठबंधन के नेताओं पर निशाना साधा.


अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने नए संसद भवन और प्रधानमंत्री के संबोधन का बहिष्कार किया और लोगों ने उनका बहिष्कार कर दिया. अब उन्हें लगता है कि वे प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार कर सकते हैं लेकिन हो सकता है कि लोग उनका फिर से बहिष्कार कर दें.’’


केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके गठबंधन सहयोगियों ने भगवान राम के अस्तित्व को नकारने और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई मौका नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता बयान दे रहे हैं और प्राण प्रतिष्ठा समारोह से दूरी बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें भगवान राम के सामने आखिरकार आत्मसमर्पण करना होगा. उन्होंने कहा कि कई कांग्रेस नेता पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी की बात नहीं मान रहे और अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हो रहे हैं.


जयराम रमेश का पलटवार


कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बुधवार को कहा, ''ये सब भगवान राम का राजनीतिकरण है. 22 जनवरी का समारोह राजनीतिक समारोह है. बीजेपी और आरएसएस की ये राजनीतिक परियोजना लंबे समय से चली आ रही है... हमारा देश और हमारा समाज अनेक धर्मों का आधार है... धर्म और आस्था निजी मामला है, जिसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए...''


उन्होंने यह भी कहा, ''हर घर में मंदिर होता है, मेरे घर में भी है, ये सब क्या है? ये राजनीतिक समीकरण है.  राहुल जी ने कहा कि हम धर्म विरोधी नहीं हो सकते, हमारा धर्म बहु जाति समाज है. हमारे धर्म का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. हम बस यही चाहते है और संविधान भी यही कहता है.''


जयराम रमेश ने कहा, ''जब मैं 12 साल का था तो मुझे भगवद्गीता सिखाई गई. रामायण महाभारत तो हमारे देश का अंग हैं. ये कहना कि आप 22 तारिख को नहीं आ रहे हो तो आप विरोधी हो, ये गलत है.''


(भाषा इनपुट के साथ)


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