(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
नए मतदाताओं पर दिए बयान को लेकर घिरे फारूक अब्दुल्ला, बीजेपी बोली- ये जम्मू-कश्मीर के वोटर्स का अपमान
Jammu kashmir: जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला के 'बाहरी' वाले बयान पर जंग छिड़ गई है. बीजेपी ने कहा है कि फारूक अब्दुल्ला अपने बयान से जम्मू-कश्मीर के लोगों का अपमान कर रहे हैं.
BJP On Farooq Abdullah: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने शनिवार को कहा था कि वे नहीं चाहते कि केंद्र शासित प्रदेश में बाहरी लोगों को मतदान का अधिकार मिले. उनके इस बयान पर अब राजनीति शुरू हो गई है. बीजेपी (BJP) ने फारूक अब्दुल्ला को निशाने पर लिया और कहा कि वे जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं को अपमान कर रहे हैं.
अब्दुल्ला के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और जम्मू-कश्मीर के प्रभारी तरुण चुग (Tarun Chugh) ने कहा, "आखिरकार फारूक अब्दुल्ला साहब किन मतदाताओं को बाहरी कह रहे हैं, वह इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर जम्मू-कश्मीर के लोगों का अपमान कर रहे हैं. समझाएं बाहरी लोगों से आपका क्या मतलब है. चुनाव आयोग के अनुसार, 18 साल से अधिक उम्र का हर भारतीय उस प्रांत में मतदान कर सकता है जहां वह रहता है, इसलिए जम्मू-कश्मीर में रहने वाले नागरिक जिन्होंने 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली है, उन्हें मतदान करना चाहिए."
बीजेपी ने पूर्व सीएम पर किया तीखा हमला
तरुण चुग ने कहा, "क्या फारूक अब्दुल्ला की बाहरी टिप्पणी किसी धर्म, प्रांत या जाति का जिक्र कर रही है. यह समझ से बाहर है और बाहरी पार्टी का अर्थ भी समझ में नहीं आता है. बाहरी का क्या मतलब है, कि बाहरी पार्टी जम्मू-कश्मीर में नहीं आएगी, फारूक अब्दुल्ला का क्या मतलब है? क्या इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-पार्टी जम्मू-कश्मीर आई है या शरीफ परिवार पाकिस्तान मुस्लिम लीग से आया है, चुनाव लड़ रहा है? फारूक साहब को समस्याओं को जटिल नहीं बनाना चाहिए और भ्रम पैदा नहीं करना चाहिए."
'फारूक अब्दुल्ला यहां समस्या पैदा करना चाहते हैं'
उन्होंने कहा कि देश के हर राजनीतिक दल को देश के किसी भी कोने में चुनाव लड़ने का अधिकार है और भारतीय जनता पार्टी का जनसंघ 1950 के दशक से जम्मू-कश्मीर में है. आप नए कानून की क्या बात कर रहे हैं, वहां ऐसा कोई कानून नहीं बना है जो संसद में पारित नहीं हुआ हो, लेकिन फारूक अब्दुल्ला केंद्र शासित प्रदेश में समस्या पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. अब उन्हें यह समझना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर के लोग उनके आदेश के अनुसार काम नहीं करेंगे."
बीजेपी नेता ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर ने तरक्की की है, लेकिन फारूक अब्दुल्ला अब भी 50, 60 और 70 के दशक की राजनीति में खड़े हैं. विकास, विश्वास और नागरिकों को लोकतंत्र से जोड़ना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एजेंडा है. डीडीसी चुनाव, बीडीसी चुनाव, पंचायत चुनाव में 21 लाख से ज्यादा लोगों ने प्रधानमंत्री के विकास के एजेंडे को वोट दिया है, लोगों ने पीएम मोदी के विजन को वोट दिया है. केरल और दिल्ली समेत पूरे देश में चुनाव के नियम हैं और गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश या देश के किसी अन्य हिस्से में रहने वाले नागरिकों के अधिकार जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के लिए समान हैं. फारूक अब्दुल्ला अपनी गलत सूचना से लोगों को भ्रमित न करें.
फारूक अब्दुल्ला ने क्या कहा?
शनिवार को जम्मू में फारूक अब्दुल्ला के घर पर सर्वदलीय बैठक हुई. बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वे नहीं चाहते कि केंद्र शासित प्रदेश में बाहरी लोगों को मतदान का अधिकार मिले. उन्होंने कहा कि आज सभी राजनीतिक दलों के नेता मौजूद हैं और हम नहीं चाहते कि जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों को मतदान का अधिकार मिले.
'हम बाहरी दलों को स्वीकार नहीं करते हैं'
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर के सीईओ द्वारा दिए गए आश्वासनों पर भरोसा नहीं कर सकते. पूर्व सीएम बोले कि विभिन्न दलों के लोग एक साथ आए हैं और अलग-अलग मुद्दे लाए हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि हर दिन नए कानून आने से उनके अधिकारों पर हमला हो रहा है. हम बाहर से आने वाले दलों को स्वीकार नहीं करते हैं.
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