BBC Documentary Row: पीएम मोदी (PM Modi) और गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी की डाक्यूमेंट्री सीरीज को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. अब इस डाक्यूमेंट्री के क्लिप अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करने वाले विपक्षी नेताओं पर बीजेपी (BJP) ने पलटवार किया है. बीजेपी ने रविवार (22 जनवरी) को कहा कि ये 2002 के गुजरात दंगों (Gujarat Riots) का राजनीतिकरण करने का एक प्रयास था.
बीजेपी ने विपक्षी नेताओं को याद दिलाते हुए कहा कि पीएम मोदी को पहले ही मामले में सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिल चुकी है. इस मामले में उनकी बेगुनाही को भी जनता की अदालत में जबरदस्त समर्थन मिला है. न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा, "पिछले कई वर्षों में, विपक्षी दलों विशेष रूप से कांग्रेस ने दुर्भाग्यपूर्ण गुजरात दंगों का राजनीतिकरण करने की कोशिश की है. हालांकि, इससे राजनीतिक लाभ निकालने के उनके सभी प्रयासों के बावजूद, प्रधानमंत्री मोदी सुप्रीम कोर्ट और लोगों की अदालत में सही साबित हुए हैं."
"हमें कानून पर उपदेश न दें"
उन्होंने कहा, "इससे कोई फर्क क्यों पड़ना चाहिए कि एक बाहरी एजेंसी (बीबीसी) का उस मुद्दे के बारे में क्या कहना है जो हमारी उच्चतम न्यायालय में तय किया गया है. यह डॉक्यूमेंट्री हमारे देश और लोगों के लिए पक्षपातपूर्ण है. एक पुराने उपनिवेशवादी जो अपने स्वयं के उतार-चढ़ाव वाले इतिहास को भूल गया है. उन्हें हमें कानून के शासन और मानवाधिकारों के बारे में उपदेश नहीं देना चाहिए."
बीबीसी की डाक्यूमेंट्री पर विवाद
गौरतलब है कि बीबीसी ने ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ नाम से एक डाक्यूमेंट्री सीरीज बनाई है. ये सीरीज गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर आधारित है जब नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे. इस डाक्यूमेंट्री सीरीज को भारत में उपलब्ध नहीं कराया गया, लेकिन कुछ यूट्यूब चैनलों ने इसे अपलोड किया. शनिवार को केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के निर्देश पर इस डाक्यूमेंट्री के पहले एपिसोड को शेयर करने वाले कई यूट्यूब वीडियो को ब्लॉक कर दिया गया था. भारत ने इस विवादास्पद डाक्यूमेंट्री सीरीज की निंदा की है.
विपक्षी नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा
डॉक्यूमेंट्री के लिंक शेयर करने वाले यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के लिए तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने डॉक्यूमेंट्री का एक अर्कायिव्ड लिंक शेयर करते हुए कहा, "दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के दरबारी असुरक्षित हैं."
उन्होंने ट्विटर पर कहा, "सरकार ये सुनिश्चित करने के लिए युद्ध स्तर पर है कि भारत में कोई भी बीबीसी का एक शो न देख सके. शर्म की बात है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सम्राट और दरबारी इतने असुरक्षित हैं." कांग्रेस सांसद जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने भी 2002 के दंगों के बाद तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में 'राजधर्म' (प्रशासनिक जिम्मेदारी) के बारे में बात करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की एक वीडियो क्लिप पोस्ट की है.
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