(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'जो घर नहीं संभाल सके, विपक्ष एकजुट कर रहे', सामना के संपादकीय पर ABP न्यूज़ से बोले बीजेपी नेता
BJP On Uddhav Thackeray: सामना के एक संपादकीय में उद्धव ठाकरे गुट ने विपक्षी एकजुटता, पीएम पद की उम्मीदवारी जैसे कई अहम मुद्दों को लेकर राय रखी थी. इस पर बीजेपी ने पलटवार किया है.
BJP Jibe On Uddhav Thackeray: शिवसेना के मुखपत्र सामना में विपक्ष को एकजुट करने की उद्धव ठाकरे गुट की अपील पर बीजेपी प्रवक्ता राम कदम ने निशाना साधा है. राम कदम ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि जो अपना घर और कुनबा नहीं संभाल सके, वो विपक्ष एकजुट कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सामना का संपादकीय बता रहा है कि 2024 में एक बार फिर मोदी सरकार आ रही है.
राम कदम बुधवार (22 फरवरी) को सामना के संपादकीय में उद्धव ठाकरे के संपादकीय पर जवाब दे रहे थे. संपादकीय में लिखा गया था कि अगर मौजूदा BJP से लड़ना है तो अलग संसार या चूल्हा जलाकर नही लड़ा जा सकता है. विपक्षियों की एकता की वज्रमुट्ठी बनाये बिना लड़ना संभव नहीं है.
2024 में हो रही पीएम मोदी की वापसी- कदम
संपादकीय में आगे कहा गया था कि अभी कांग्रेस अकेले बीजेपी से नहीं लड़ सकती है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि संपादकीय से एक बात तो साफ है कि 2024 में पीएम मोदी की वापसी हो रही है. उन्होंने आगे कहा कि हमें 100 सीटों पर सिमटने का सपना देखने वाले अपने बचे हुए सांसदों और विधायकों को संभालें. उन्होंने कहा कि चुनाव आते ही भाई भतीजावाद वाली पार्टियां एक मंच पर आने की बात करती हैं.
क्या लिखा था सामना में?
उद्धव ठाकरे ने सामना में लिखे संपादकीय में उद्धव ठाकरे ने लिखा था कि 2024 के लिए पीएम पद के उम्मीदवार को बाद में तय किया जा सकता है. इसके साथ ही उद्धव ने ये भी कहा था कि उनकी पीएम उम्मीदवारी की कोई इच्छा नहीं है. संपादकीय में कहा गया है कि 2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार कहते है कि वो कांग्रेस को तय करने दो. कुछ लोग मेरे नाम का जिक्र करते है, लेकिन मेरी इच्छा नहीं है.
उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए शिवसेना को तोड़ने का आरोप लगाया. इसमें कहा गया कि शिवसेना तोड़ने के बाद बाकी गुट को असली शिवसेना कहकर उसको चुनाव चिह्न बेचा गया.
हाल ही में चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे के गुट को असली शिवसेना मानते हुए पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न उसे ही दे दिया था. उद्धव ठाकरे गुट ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उद्धव गुट के संजय राउत ने चुनाव चिह्न दिए जाने के पीछे 2000 करोड़ की डील बताया था.
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