Sambit Patra on Rahul Gandhi: पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लेकर कहा कि ये विपक्ष के रुख का समर्थन है. राहुल के बयान पर अब बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार करते हुए कहा, "लोकतंत्र को बचाना है. भारत के संविधान पर भारतीय जनता पार्टी हमला कर रही है. यही राहुल गांधी की वोकैबुलरी है."
संबित पात्रा ने कहा, "राहुल जी का और भ्रम का रिश्ता रहा है. झूठ बोलना उनकी आदत है. उनके पास कुछ नया नहीं है. लोकतंत्र खतरे में है. लोकतंत्र को बचाना है. बार-बार यही बात करते हैं. हर बार उनके एक तरह के बयान होते हैं. आज सुप्रिम कोर्ट के निर्णय को लेकर राहुल जी ने वहीं बयान दिए जो बार-बार कहते थे. इस मामले को लेकर आप कोर्ट में नहीं गए थे. कोर्ट में चर्चा के बाद कोर्ट ने फैसला दिया है, जिसमें सरकार ने कहा था कि एक्सपर्ट कमेटी इसकी जांच करे और कोर्ट में आज वहीं हुआ है."
संबित पात्रा ने राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, ""बीजेपी लोकतंत्र का पालन करती है. जब मंत्री ने संसद में बयान दिया था तब कांग्रेस का किस तरह का बर्ताव रहा सबने देखा. किस तरह से बयान को फाड़ दिया गया. एफिडेविट में जो सरकार ने कहा है कोर्ट ने आज वही किया. हम मामले को लेकर कोर्ट जाते हैं, लेकिन जब कोई फैसला आता है, तो ये कोर्ट के फैसले पर सवाल करते हैं."
संबित पात्रा ने कहा, "बीजेपी पार्टी लोकतंत्र में विश्वास करती है. सरकार ने जो कोर्ट में एफिडेविट के जरिए कहा था कोर्ट ने उस मांग पर ही फैसला दिया है. हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. हलफनामा के हिसाब से एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया गया है. राहुल बार-बार झूठ फैलाते रहते हैं." पात्रा ने कहा, "आज सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय को लेकर राहुल गांधी जी ने फिर उन्हीं शब्दों का उच्चारण किया, जो वो हमेशा करते हैं. राहुल गांधी और कांग्रेस इस विषय को लेकर कोर्ट नहीं गए थे."
बता दें कि पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से आए आज के फैसले को लेकर राहुल गांधी ने कहा था कि कोर्ट ने हमारी बात पर मुहर लगाई है. हमने बीते संसद सत्र में पेगासस का मुद्दा उठाया था, हमें लगा कि यह लोकतंत्र की जड़ों पर हमला है. हमने संसद ठप की. राहुल गांधी ने कहा, "उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वह पेगासस जासूसी मामले की जांच करने जा रहा है, एक बड़ा कदम है और सच्चाई के सामने आने को लेकर आश्वस्त हूं."
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिए भारत में कुछ लोगों की कथित जासूसी के मामले की जांच के लिए बुधवार को विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया. शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को निजता के उल्लघंन से सुरक्षा प्रदान करना जरूरी है और सरकार की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा की दुहाई देने मात्र से न्यायालय मूक दर्शक बना नहीं रह सकता.
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया मौजूदा साक्ष्य गौर करने योग्य प्रतीत होते हैं. पीठ ने केंद्र का स्वयं विशेषज्ञ समिति गठित करने का अनुरोध यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि ऐसा करना पूर्वाग्रह के खिलाफ स्थापित न्यायिक सिद्धांत का उल्लंघन होगा. शीर्ष अदालत ने अपने पूर्व न्यायाधीश आरवी रवींद्रन से तीन सदस्यीय समिति के कामकाज की निगरानी करने का आग्रह किया और समिति से जल्द ही रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा.
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