नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश समेत अगले साल होने वाले पांच राज्यों के चुनाव को लेकर बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी है. इसको लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भारत सरकार के वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक की और चुनावी राज्यों में विकास परियोजनाओं को लेकर चर्चा की. माना जा रहा है अगले कुछ दिनों में केंद्र सरकार चुनावी राज्यों को ध्यान में रखते हुए कई अहम योजनाओं की घोषणा कर सकती है.


यही नहीं आम जनता तक पहुंचने के लिए राष्ट्रीय महासचिवों के साथ लंबी रणनीति तैयार की गई. इसी क्रम में रविवार को फिर से देशव्यापी 'ई चिंतन' कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. जिसमें बीजेपी अध्यक्ष समेत राष्ट्रीय पदाधिकारियों और राज्य के प्रमुख नेताओं के साथ संवाद किया जाएगा. मकसद चुनाव से पहले जनता तक पहुंचना है.


गौरतलब है कि कोविड की दूसरी  लहर के चलते  देशभर में आर्थिक उथल-पुथल मच चुकी है. जिसकी वजह से चुनावी तैयारियां भी धीमी गति से चल रही है. माना जा रहा है कि बीजेपी अगले साल उत्तर समेत पांच राज्यों में होने वाले चुनाव से पहले राज्यों में विकास को गति देना चाहती हैं जिसे ध्यान में रखते हुए शनिवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी, धर्मेंद्र प्रधान, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, हरदीप पुरी, किरन रिजिजू, नरेंद्र सिंह तोमर, मनसुख मंडविया और अन्य नेताओं के साथ एक अहम बैठक की.


सूत्रों की मानें तो बीजेपी मुख्यालय में आयोजित की गई बैठक में तय किया गया कि चुनावी राज्यों में विकास की गति को तेज करने के लिए पहले से चल रही केंद्रीय योजनाओं को जल्द से जल्द पूरा कराया जाए. साथ ही अगले कुछ दिनों में सामाजिक अर्थव्यवस्था और रोजगार को धयान में रखते हुए योजनाएं तैयार की जाए. 


केन्द्रीय मंत्रियों की बैठक के बाद बीजेपी अध्यक्ष ने राष्ट्रीय महासचिवों के साथ देर रात तक बैठक की और जनता के बीच जाने का खाका तैयार किया. माना जा रहा है बीजेपी आम लोगों के बीच पहुंचने के लिए व्यापक कार्यक्रम तैयार किया है. पौधरोपण कार्यक्रम समेत टीकाकरण व अन्य के जरिये आम जनता तक पहुंचने का इरादा है. 


'ई-चिंतन' से तैयार होगी रणनीति


रविवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ई चिंतन कार्यक्रम के जरिए राष्ट्रीय पदाधिकारियों, मुख्यमंत्रियों और राज्यों के अध्यक्षों के साथ ऑनलाइन संवाद करेंगे. इस कार्यक्रम के जरिए समाज के अंतिम पंक्ति पर मौजूद व्यक्ति तक पहुंचने की रणनीति तैयार होगी. जिसे अगले कुछ दिनों में अमल में लाया जाएगा. इसे बीजेपी की चुनाव अभियान की शुरुआत के रूप में भी देखा जा रहा है.


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