BJP ने बिहार, राजस्थान, ओडिशा और दिल्ली में बदले अध्यक्ष, क्या हैं नई नियुक्ति के मायने?
Bihar BJP President: सम्राट चौधरी बिहार बीजेपी के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. वह 1999 में कृषि मंत्री और 2014 में शहरी विकास और आवास विभाग के मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं.
Rajasthan BJP President: आगामी लोकसभा और इस साल कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बृहस्पतिवार (23 मार्च) को चार राज्यों में महत्वपूर्ण संगठनात्मक बदलाव किए. इसके तहत पार्टी ने बिहार विधान परिषद में पार्टी के नेता सम्राट चौधरी को बिहार इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया है. जबकि, चितौड़गढ़ से सांसद चंद्र प्रकाश जोशी (सीपी जोशी) को बीजेपी की राजस्थान इकाई की जिम्मेदारी सौंपी गई.
बीजेपी के महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी अलग-अलग विज्ञप्तियों के मुताबिक दिल्ली बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को प्रोन्नत करते हुए प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया. वहीं, ओडिशा के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता मनमोहन सामल को राज्य इकाई के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अरुण सिंह ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इन नियुक्तियों को हरी झंडी दी है और यह तत्काल प्रभाव से लागू होंगी.
संजय जायसवाल की जगह लेंगे सम्राट चौधरी
कुशवाहा (अन्य पिछड़ा वर्ग) समाज से आने वाले सम्राट चौधरी बिहार के दिग्गज नेता रहे शकुनी चौधरी के पुत्र हैं. शकुनी चौधरी सात बार विधायक रहे हैं. सम्राट चौधरी बिहार बीजेपी अध्यक्ष के रूप में संजय जायसवाल की जगह लेंगे. जायसवाल ने नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष को बधाई दी और विश्वास व्यक्त किया कि उनके नेतृत्व में निश्चित ही संगठन नई बुलंदियों को प्राप्त करेगा.
राजद, जेडीयू से होते हुए बीजेपी में आए
सम्राट चौधरी बिहार बीजेपी के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. वह 1999 में कृषि मंत्री और 2014 में शहरी विकास और आवास विभाग के मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. चौधरी 54 वर्ष के हैं और 2018 में बीजेपी में शामिल होने के बाद उनके कद में लगातार इजाफा हुआ है. कभी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के करीबी रहे, सम्राट चौधरी ने वर्ष 2014 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) छोड़कर जनता दल यूनाइटेड (JDU) का दामन थाम लिया था.
सतीश पूनिया की जगह लेंगे सीपी जोशी
ब्राह्मण समाज से ताल्लुक रखने वाले सी पी जोशी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज की और दूसरी बार संसद पहुंचे. वह प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सतीश पूनिया की जगह लेंगे. पूनिया ने जोशी को बधाई देते हुए एक बयान में कहा, "हम सब कृतसंकल्प हैं कि मिलकर 2023 में राजस्थान को कांग्रेस मुक्त बनाकर बीजेपी की बहुमत की सरकार बनाएंगे."
पूनिया ने आभार जताया
उन्होंने आभार जताया कि उनके जैसे साधारण, किसान के घर में जन्मे एक कार्यकर्ता को तीन वर्षों तक जिम्मेदारी देकर पार्टी ने उन्हें सम्मान दिया. उन्होंने कहा, "इन तीन वर्षों में संगठनात्मक रचना और आंदोलन द्वारा पार्टी को पूरी ताकत से धरातल पर सक्रिय करने में योगदान दे पाया. एक कार्यकर्ता के रूप में पार्टी के निर्देशानुसार जीवन पर्यन्त काम करता रहूंगा."
पूनिया ने कहा कि उनके कार्यकाल में सदन से लेकर सड़क तक बीजेपी ने विपक्ष की भूमिका का निर्वहन ईमानदारी से किया और आज बीजेपी राजस्थान में धरातल पर 50 हजार बूथों तक पहुंची है. वसुंधरा राजे ने भी सी पी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर बधाई दी और उनके कार्यकाल की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं.
राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव
जोशी कभी राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेहद करीबी माने जाते थे. हालांकि उनके बारे में पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि वह राजस्थान में बीजेपी के किसी गुट के नहीं हैं. पूनिया के वसुंधरा से कभी अच्छे संबंध नहीं रहे. राजस्थान में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं.
...ताकि बीजेपी को नुकसान ना हो
प्रदेश बीजेपी के एक नेता ने कहा कि उनकी नियुक्ति इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि क्योंकि पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे गुलाब चंद कटारिया को राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया है, लिहाजा उदयपुर संभाग में उनकी कमी को पूरा करने के लिए बीजेपी को एक मजबूत नेता की जरूरत है ताकि आगामी चुनावों में पार्टी को इन क्षेत्रों में कोई नुकसान ना हो.
सचदेवा को उनके कार्य का ईनाम
वहीं, विरेंद्र सचदेवा को पिछले साल दिसंबर में दिल्ली बीजेपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. उन्होंने आदेश गुप्ता की जगह ली थी. कार्यकारी अध्यक्ष का पद संभालने के बाद सचदेवा दिल्ली में बेहद सक्रिय रहे हैं और उन्होंने केजरीवाल सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. बीजेपी नेताओं के मुताबिक पंजाबी समुदाय से आने वाले सचदेवा को उनके कार्य का ईनाम दिया गया है.
मनमोहन सामल ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में समीर मोहंती का स्थान लेंगे. प्रदेश अध्यक्ष के रूप में मोहंती का तीन साल का कार्यकाल इसी साल जनवरी में समाप्त हुआ था. सामल पूर्व में भी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. वह प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री और राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं.