Sachin Pilot Vs Ashok Gehlot: राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने को हैं और चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में सबकुछ सही नहीं लग रहा है. सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच एक बार फिर गतिरोध दिखाई दे रहा है. ऐसे में फायदा हो रहा है विपक्ष में बैठी बीजेपी को. कांग्रेस नेताओं की आपसी खींचतान को लेकर बीजेपी निशाना साध रही है.
बीजेपी नेता जीएस शेखावत ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "अब जब पूर्व उपमुख्यमंत्री और पार्टी के कद्दावर नेताओं में से एक पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं तो सरकार के मुखिया और उनके नेताओं को जनता का दर्द समझना चाहिए."
'पहले नेताओं को एकजुट करें'
उन्होंने आगे कहा, "अशोक गहलोत के मंत्री और विधायक अपनी सरकार पर सवाल उठाते रहते हैं." इससे पहले बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला (Shehzad Poonawala) ने एक वीडियो पोस्ट कर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से कहा था कि देश को एकजुट करने की कोशिश करने से पहले अपनी पार्टी के नेताओं को एकजुट करें.
कोरोना वाली टिप्पणी पर पायलट गुट के नेता क्या बोले
उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट के समर्थक भी सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. कांग्रेस विधायक और पायलट के वफादार वेद प्रकाश सोलंकी ने मुख्यमंत्री की कोरोना वाली टिप्पणी के जवाब में कहा, "अगर कोरोना वायरस फैल गया है तो टीकाकरण की जरूरत है. अगर सही समय पर सही टीका नहीं आया तो परिणाम पूरे राजस्थान के लिए घातक होंगे."
पहले निक्कमा और फिर कोरोना...
बता दें कुछ समय पहले राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलात ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में सचिन पायलट को निक्कमा तक कह दिया था. जिसके बाद कांग्रेस पार्टी की खूब किरकिरी हुई थी. वहीं अब गहलोत ने ये कह दिया कि "पार्टी में कोरोना वायरस की एंट्री हो गई है." ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुआ.
पायलट ने पेपर लीक मामले में उठाए सवाल
दरअसल, पायलट और गहलोत के बीच ये खींचतान पेपर लीक के मामले को लेकर दोबारा से शुरू हुई है. पायलट ने कहा था, "अरे कहा जा रहा है कोई अधिकारी, कोई नेता इसमें शामिल नहीं था... तो पेपर की कॉपी तो तिजोरी में होती है... ये तो जादूगरी हो गई. कोई जादूगर ही पेपर लीक मामले में शामिल होगा." वहीं शुक्रवार को उन्होंने कहा, "जब आप सम्मान देते हैं तो आपको सम्मान मिलता है... आप एक बार जो कहते हैं उसे वापस नहीं ले सकते." माना जा रहा है कि उन्होंने ये बयान गहलोत को लेकर ही दिया है.
'अभद्र भाषा बोलना काफी आसान है'
सचिन पायलट ने आगे कहा, "जब चुनाव आते हैं हम एक-दूसरे का विरोध करते हैं. यह मुद्दों के आधार पर किया जाना चाहिए. पिछले पांच दिनों में मैंने जिन विषयों पर बात की, वे किसानों और युवाओं के मुद्दों पर आधारित थे. किसी पर व्यक्तिगत हमले नहीं थे. व्यक्तिगत हमलों में लिप्त होना और अभद्र भाषा बोलना काफी आसान है."
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