BJP On Chandrashekhar Singh: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह विवादों में घिरे हुए हैं. 'रामचरितमानस' पर उनकी विवादित टिप्पणी ने बिहार की राजनीति में घमासान मचा दिया है. चंदशेखर के बयान ने बीजेपी (BJP) को नीतीश-लालू सरकार को आड़े हाथों लेने का मौका दे दिया. बिहार बीजेपी के प्रवक्ता और ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने चंद्रशेखर और सीएम नीतीश पर निशाना साधा है.


बीजेपी का तीखा वार


बीजेपी नेता निखिल आनंद ने ट्विटर पर लिखा, "शिक्षामंत्री चंद्रशेखरजी का यह बयान भी सुनिए- 'मोहब्बत और ईमान का पैगाम देने वाला 'अकेला' इस्लाम है.'' उन्होंने आगे लिखा, ''शिक्षामंत्री ने राजद (RJD) के तुष्टीकरण वाली राजनीति के एजेंडे के तहत मुसलमानों को खुश करने के लिए बयान दिया! 'मिस्टर मालूम नहीं मुख्यमंत्री', कैबिनेट मंत्री के बयान पर चुप क्यों?"






'मरे हुए को क्या मारना!'


निखिल आनंद ने शनिवार को भी एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने आरजेडी को निशाने पर लिया था. एक पोस्टर की तस्वीर को शेयर करते हुए आनंद ने लिखा, "ये राजशाही के युद्ध का दौर नहीं है. लोकतंत्र में वोट की चोट का दौर है. राम-रावण, कृष्ण-कंस तो ठीक है, लेकिन नीतीश-नमो की जगह नमो-नीतीश भी लिखा जा सकता है, लेकिन मरे हुए को क्या मारना! वैसे तेज (प्रताप)-तेज (स्वी) की तुकबंदी के बारे में क्या खयाल है राजद के पोस्टर वाले बेवकूफों!"


चंद्रशेखर के किस बयान पर मचा बवाल?


बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार (11 जनवरी) को तुलसीदास की रामचरितमानस को "समाज में नफरत फैलाती है" कहकर विवाद खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा, "रामचरितमानस का विरोध क्यों किया गया और किस हिस्से का विरोध किया गया? निचली जाति के लोगों को शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी और रामचरितमानस में कहा गया है कि निम्न जाति के लोग शिक्षा प्राप्त करने से वैसे ही जहरीले हो जाते हैं जैसे दूध पीने के बाद सांप हो जाता है. मनुस्मृति, रामचरितमानस, गुरु गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स… ये किताबें ऐसी किताबें हैं जो नफरत फैलाती हैं."


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