Tejasvi Surya On Sanatana Dharma: पारंपरिक खेलों पर तेजस्वी सूर्या बोले- 'सनातन धर्म तभी बचाया जा सकता है जब हम...'
Tejasvi Surya Remarks: बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने बेंगलुरु में आयोजित 'कंबाला' के आखिरी दिन कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा के लिए पारंपरिक खेलों का संरक्षण जरूरी बताया.
BJP MP Tejasvi Surya On Sanatana Dharma: बेंगलुरु दक्षिण से सांसद और बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने रविवार (26 नवंबर) को सनातन धर्म को बचाने के लिए जल्लीकट्टू और कंबाला जैसे पारंपरिक खेलों का संरक्षण जरूरी बताया.
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, सूर्या ने इस सनातन धर्म को बचाने के लिए राजनीतिक दलों से एकजुट होने का आह्वान भी किया. बेंगलुरु में आयोजित कंबाला खेल के दूसरे और आखिरी दिन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद तेजस्वी सूर्या ने यह भी कहा कि जल्लीकट्टू और कंबाला जैसे पारंपरिक खेलों को रोकने के लिए कुछ ताकतों की ओर से एक एजेंडे के तहत प्रयास किए जा रहे हैं.
कुछ ताकतें पारंपरिक खेलों को रोकने के लिए कई चीजें कर रही हैं- तेजस्वी सूर्या
कंबाला तटीय कर्नाटक और पड़ोसी केरल के कासरगोड की एक स्लश ट्रैक वाली भैंस दौड़ है, जो पहली बार राजधानी बेंगलुरु में आयोजित की गई. बीजेपी सांसद सूर्या ने कहा, ''हमने देखा है कि आज विभिन्न एजेंडों वाली कुछ ताकतें अदालतों में जा रही हैं और जल्लीकट्टू और कंबाला जैसे हमारे पारंपरिक खेलों को रोकने के लिए कई चीजें कर रही हैं.''
पारंपरिक खेलों को सनातन धर्म की रक्षा के लिए बताया जरूरी
उन्होंने कहा कि दलों को अपने राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठना चाहिए और जल्लीकट्टू, कंबाला और त्योहारों के उत्सव की रक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए. तेजस्वी सूर्या ने कहा, ''हमारा सनातन धर्म तभी बचाया जा सकता है जब हम इन खेलों को बचाएंगे.''
Today, I had the opportunity to participate in Bengaluru Kambala. Kambala is a traditional sport from coastal Karnataka where male buffaloes, led by a jockey, race.
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) November 26, 2023
It's a spectacle to watch the synergy between man & animal. Sporting events & festivals like Jallikattu & Kambala… pic.twitter.com/KNj6oxvpfw
'मनुष्य और जानवर के बीच तालमेल देखना एक शानदार अनुभव'
तेजस्वी सूर्या ने अपने X हैंडल से कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं. पोस्ट में उन्होंने लिखा, ''मनुष्य और जानवर के बीच तालमेल देखना एक शानदार अनुभव है. जल्लीकट्टू और कंबाला जैसे खेल आयोजन और त्योहार सनातन धर्म और हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं. वे न केवल युवाओं को साहसी बनने और शारीरिक रूप से मजबूत रहने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि मनुष्य और अन्य सभी प्राणियों के बीच एक बंधन विकसित करने में भी मदद करते हैं.''
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