BJP Tensions: बीजेपी में इस वक्त काफी ज्यादा उथल-पुथल देखने को मिल रही है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाने की तैयारी चल रही है. इस बीच समाजवादी पार्टी भी एक्शन में नजर आ रही है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक ट्वीट कर कह दिया है कि वह मानसून ऑफर चला रहे हैं, जिसके तहत 100 विधायक लाइए और अपनी सरकार बनाइए. अखिलेश के इस ट्वीट के बाद कई तरह की बातें होने लगी हैं.
हालांकि, इन सब चीजों की शुरुआत तब हुई, जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आए. यूपी में बीजेपी को 33 सीटों पर जीत मिली. इसके बाद बीजेपी में हलचल शुरू हो गई. हाल ही में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि संगठन सरकार से बड़ा है, संगठन से बड़ा कोई नहीं होता है. हर एक कार्यकर्ता हमारा गौरव है. उनके इस बयान को यूपी सीएम से जोड़कर देखा गया. कहा जाने लगा कि वह भी उन नेताओं में शामिल हैं, जो योगी सरकार की कार्यशैली से खुश नहीं हैं.
बीजेपी संगठन के भीतर भी दिखा टकराव
वहीं, केशव प्रसाद मौर्या के बयान का हवाला देते हुए बीजेपी नेता और पूर्व राज्यमंत्री पंडित सुनील भराला ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी पर ही निशाना साध दिया. उन्होंने कहा कि केशव प्रसाद के बयान पर मेरी समझ से संगठन की जिम्मेदारी भी बड़ी होती है. उनके कहने का आशय यह रहा होगा कि हार की बड़ी जिम्मेदारी संगठन की ही है. इसलिए माननीय प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी को अविलंब हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुआ अपने पद से त्याग पत्र दे देना चाहिए.
अखिलेश को क्या होगा बीजेपी में उथल-पुथल से फायदा?
दरअसल, बीजेपी में मचे घमासान के बीच अखिलेश यादव ने कहा, "मानसून ऑफर: सौ लाओ, सरकार बनाओ!" माना जा रहा है कि वह इशारा कर रहे थे कि अगर कोई 100 विधायक लेकर आ जाता है तो वह उसकी सरकार बनाने में मदद करेंगे. हालांकि, ये ख्याली पुलाव की तरह है, क्योंकि बीजेपी के पास प्रचंड बहुमत है. यूपी में विधानसभा की 403 सीटें हैं और बहुमत के लिए 202 सीटों की जरूरत होती है. बीजेपी के पास अकेले 251 के आसपास सीटें हैं और सहयोगियों के साथ सीटों की संख्या पौने तीन सौ है.
अगर सीटों की संख्या को बीजेपी की टैली से कम भी कर दिया जाता है तो वह फिर भी सहयोगियों के साथ सरकार में बनी रह सकती है. अखिलेश यादव की पार्टी के साथ आने के बाद भी सरकार बनाना मुश्किल ही होने वाला है. भले ही सरकार बनाना मुश्किल हो, लेकिन अखिलेश यादव की इस पोस्ट ने हलचल जरूर मचा दी है.
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