नई दिल्ली/राजकोट: बीजेपी ने अहमद पटेल के गुजरात के उस अस्पताल के साथ ‘गहरे संबंध’ होने का आज आरोप लगाया जहां से गिरफ्तारी से पहले कथित आईएसआईएस सदस्य काम करता था. दूसरी ओर कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता का बचाव करते हुए राज्यसभा से उनके इस्तीफे की मांग को ‘बेतुका’ बताया है.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव पटेल आतंकवादी हमले की कथित योजना बनाने के मामले में सूरत से दो संदिग्ध इस्लामिक स्टेट के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद मचे राजनीतिक घमासान के केंद्र में है. इनमें से एक आरोपी कासिम टिम्बरवाला भरूच जिले के अंकलेश्वर शहर में सरदार पटेल अस्पताल में टेक्नीशियन के तौर पर काम करता था.

केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘पटेल के वर्ष 1979 के बाद से इस अस्पताल से गहरे संबंध रहे हैं. सोनिया गांधी और राहुल गांधी को इस मुद्दे पर लोगों को स्पष्टीकरण देना चाहिए.’ गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने कल पटेल से राज्यसभा से इस्तीफा देने की मांग की थी. गुजरात के राजकोट में मौजूदा वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम ने आज रूपानी की मांग को ‘बेतुका’ बताया.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैं इस तरह की बेतुकी मांग से हैरान हूं. अहमद पटेल अस्तपाल के एक ट्रस्टी थे और उन्होंने 2015 में इस्तीफा दे दिया था. गिरफ्तार व्यक्ति पिछले साल टेक्नीशियन के तौर पर अस्पताल से जुड़ा था और उसने अपनी गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले इस्तीफा दे दिया था.’ उन्होंने कहा, ‘अब अगर पिछले एक साल में टेक्नीशियन के तौर पर काम करने वाले व्यक्ति का आईएसआईएस से संपर्क है तो उसके लिए तीन साल पहले ट्रस्टी रहा व्यक्ति जिम्मेदार कैसे हो सकता है.’ हालांकि पटेल ने आरोप को ‘पूरी तरह बेबुनियाद’ बताकर कल ही खारिज कर दिया और बीजेपी से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों का राजनीतिकरण ना करने तथा गुजरात के शांति प्रिय लोगों को नहीं बांटने की अपील की थी. कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी के अहम रणनीतिकारों में से एक और लंबे समय से गांधी परिवार के वफादार रहे पटेल पर इस हमले के लिए बीजेपी की आलोचना की और इसे ‘भयावह साजिश’ बताया.

सुरजेवाला ने कहा कि ना तो पटेल और ना ही उनके परिवार का कोई सदस्य अस्पताल का ट्रस्टी है या उसके प्रशासन में उनकी कोई भूमिका है. उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि भगवा पार्टी को यह बताना चाहिए कि पिछले साल जब अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की पत्नी मुंबई आती है और वापस पाकिस्तान जाती है तो केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को क्यों पता नहीं चलता.

सुरजेवाला ने राष्ट्रीय राजधानी में एक बयान में कहा, ‘साढे़ छह करोड़ गुजरातियों द्वारा नकार दिए जाने से व्यथित एवं गुजरात चुनाव में आसन्न हार देख रूपानी ओछे हथकंडों, षड्यंत्रकारी हरकतों व ऊलजलूल बयानबाजी पर उतर आए हैं. गुजरात के चुनाव में कामयाबी पाने के लिए भाजपा नेता नित नया स्वांग व प्रपंच रच रहे हैं.’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारें और उसके नेता आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कमजोर साबित हुए हैं.

सुरजेवाला ने बीजेपी पर निशाना साधने के लिए 1999 के कंधार विमान अपहरण के प्रकरण का जिक्र करते हुए कहा, ‘क्या पूर्ववर्ती राजग सरकार ने (आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद सरगना) मौलाना मसूद अजहर और अन्यों को अफगानिस्तान में रिहा नहीं किया था?’