BJP Vice President Baijayant Jay Panda Story: बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद बैजयंत जय पांडा (Baijayant Jay Panda) ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) को छोड़ने का किस्सा बताया है. एक समय सीएम पटनायक के काफी करीबी रहे हैं और बीजू जनता दल (BJD) में उनकी खासी अच्छी भूमिका थी.


वो बीजेडी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे थे. वो ओडिशा की केंद्रपाड़ा सीट से मई 2009 से जुलाई 2018 तक लोकसभा सांसद रहे. इससे पहले अप्रैल 2000 से अप्रैल 2009 तक वह राज्यसभा सांसद भी रहे. पटनायक के बारे में बात करते हुए वह भावुक दिखे और कहा कि यह बहुत पर्सनल है. लल्लनटॉप से बात करते हुए बैजयंत जय पांडा ने कहा, ''वेरी पर्सनल, वेरी स्पेसिफिक टू अवर फैमिली (यह बेहद व्यक्तिगत और हमारे परिवार के लिए बहुत विशिष्ट है).''


बीजू जनता दल और नवीन पटनायक से अलग होने की कहानी उन्होंने विस्तार से बताई. उन्होंने कहा, ''मैं भी अब तक समझ नहीं पाया, लेकिन वास्तव में अगर आप देखें तो ये केवल मेरी बात नहीं है, मुझे छोड़िए, ये पूछना चाहिए कि इतने सारे राजनीतिक मित्र, इतने सारे वरिष्ठ बीजू जनता दल के नेता, इतने सारे उनके खास सहयोगी क्यों उनसे अलग हो गए हैं?''


'इन नेताओं को किसी न किसी तरह निकाला गया'


इस दौरान जय पांडा ने बीजेडी से अलग हुए कुछ नेताओं के नाम भी गिनाए. उन्होंने कहा, ''दिलीप राय, विजय महापात्रा, रामकृष्ण पटनायक, बृज किशोर त्रिपाठी, अर्जुन सेठी, नलनी महांती.. ऐसे लंबी लिस्ट है. बीजू जनता दल को स्थापित करने में इनकी बहुत अहम भूमिका रही और इनको किसी ने किसी तरह या तो निकाला गया या उनके राजनीतिक करियर में कुछ बाधा डाली गई. क्या ये सब ये सब एंबिशियस थे और उसकी वजह से ये अलग हो गए हैं ?"


उन्होंने आगे कहा, "केवल एक व्यक्ति जो 30 साल से एक पद में रहे हैं वो एंबिशियस नहीं हैं बाकी सब एंबिशियस हैं. ऐसा तो नहीं है. मैं समझ नहीं पाया क्योंकि  घनिष्ठ मित्रता भी थी और केवल हमारी पीढ़ी की नहीं. दशकों तक मेरे पिता जी और स्वर्गीय बीजू अंकल.. बीजू पटनायक बहुत ही अति घनिष्ठ मित्र रहे.''


'...लेकिन कोई सॉलिड रीजन नहीं था'


जय पांडा ने बताया की बीजू जनता दल में पिछले सात-आठ साल से पार्टी ऐसा कर रही है जो पहले से जुड़े होते हैं उनको दूर करने में लग जाते हैं, उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाते हैं. वो आरोप को प्रमाणित करने के लिए तीन सूत्रों से उसी तरह खबरें पहुंचाते हैं, ऐसे कई हैं ये मेरा एनालिसिस है, लेकिन इसका कोई सॉलिड रीजन नहीं था. ऐसे बहुत सारे नेता, वरिष्ठ नेता बीजेडी से निकाले गए हैं.'' 


उन्होंने आगे कहा कि स्वर्गीय अरुण जेटली जी कहा करते थे कि ऐसा उदाहरण उन्होंने कभी नहीं देखा था. होता है न कभी कि एक दो नेता ठीक से बसते नहीं, कोई अलग हो जाते हैं, लेकिन 20-25, 40 नेताओं को अलग करना, ये तो असामान्य है. 


यह भी पढ़ें- Same Sex Marriage Case: समलैंगिक विवाह को मिलेगी कानूनी मान्यता? SC ने 5 जजों की संविधान पीठ को सौंपा मामला