EWS Reservation Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था को लेकर सोमवार (7 नवंबर) को केंद्र सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब सरकारी नौकरियों (Government jobs) और उच्च शिक्षा में ईडब्ल्यूएस का 10 प्रतिशत का आरक्षण बरकरार रहेगा. देश की शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद तमाम सियासी दलों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार ने जहां एक तरफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है. बीजेपी ने देश के गरीबों को सामाजिक न्याय प्रदान करने के अपने मिशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए फैसले को जीत करार दिया.
बीजेपी ने किया समर्थन
बीजेपी महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने कहा, सुप्रीम कोर्ट अनारक्षित वर्गों के लिए ईडब्ल्यूएस आरक्षण की वैधता को बरकरार रखा है. पीएम नरेंद्र मोदी के गरीब कल्याण के विजन का एक और बड़ा श्रेय. सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा बढ़ावा.” तेलंगाना के सांसद बांदी संजय कुमार ने कहा कि फैसला मोदी के सबका साथ, सबका विश्वास की प्रतिज्ञा को पुष्ट करता है.
शिंदे ने बताया उपयोगी
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले से सभी जातियों और धर्मों के गरीब और कमजोर वर्गों को बड़ी राहत मिलेगी. उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (7 नवंबर) इस संबंध में फैसला गरीबों को मुख्यधारा में लाने में निश्चित रूप से उपयोगी होगा.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उन्हें खुशी है कि शीर्ष अदालत ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण को मंजूरी दे दी है. इसके तहत, जाति और समुदाय और धर्म को काटने वाले व्यक्ति कोटा का लाभ उठाने के पात्र होंगे. उन्होंने आगे कहा कि कोटा गरीब छात्रों को अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने और नौकरी के अवसरों का लाभ उठाने के सुनहरे अवसर देगा.
उदित राज की SC की आलोचना
वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस नेता एवं पूर्व नौकरशाह उदित राज (Udit Raj) ने इसकी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट की उच्च जाति समर्थक मानसिकता को चुनौती देते हैं. उन्होंने कहा कि वह इस फैसले वह ईडब्ल्यूएस आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इंदिरा साहनी के फैसले के बाद से सुप्रीम कोर्ट के यू-टर्न ने उन्हें पीड़ा दी. जब भी एससी/ एसटी/ ओबीसी आरक्षण का मामला आया सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा 50% की सीमा को याद दिलाया है.
स्टालिन ने दिए संघर्ष जारी रखने के संकेत
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) ने कहा कि फैसला सामाजिक न्याय के लिए सदियों से चले आ रहे संघर्ष में एक झटका है. उन्होंने कहा कि फैसले के गहन विश्लेषण और कानूनी विशेषज्ञों के परामर्श के बाद, सामाजिक न्याय के खिलाफ अगड़े समुदाय के लिए आरक्षण की इस प्रणाली के खिलाफ हमारे संघर्ष को जारी रखने के लिए अगले कदमों के बारे में निर्णय लिया जाएगा.
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