सेना में महिलाओं को स्थाई कमीशन देने पर BJP ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, राहुल पर साधा निशाना
बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आज एक ऐतिहासिक घड़ी है. आज खुशी का दिन है. 10 साल के बाद सुप्रीम कोर्ट से यह बड़ा फ़ैसला आया है. कुछ लोगों ने इस मामले में राजनीति करने काम किया है.
नई दिल्लीः सेना में महिलाओं को स्थाई कमीशन देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने स्वागत किया है. बीजेपी के सांसद और सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि यह ऐतिहासिक घड़ी है. उन्होंने कहा कि आज खुशी मनाने का दिन है लेकिन कांग्रेस इसमें राजनीति कर रही है. बीजेपी सांसद ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश जानता है कि किसकी सरकार के दौरान इस पर अड़ंगा लगाने काम किया गया था.
महिलाओं को स्थाई कमीशन देने की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आज आदेश देते हुए कहा कि महिला भी पुरुष के समान हैं. उन्हें स्थाई कमीशन दिया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देर शाम पार्टी की ओर से पत्रकारों को संबोधित किया गया.
बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आज एक ऐतिहासिक घड़ी है. आज खुशी का दिन है. 10 साल के बाद सुप्रीम कोर्ट से यह बड़ा फ़ैसला आया है. कुछ लोगों ने इस मामले में राजनीति करने काम किया है.
राहुल गांधी के ट्वीट का जिक्र
उन्होंने राहुल गांधी के ट्वीट का जिक्र करते हुए कहा आज भी राहुल गांधी ने ट्वीट किया और कहा कि सरकार महिलाओं को लेकर सम्मान नहीं किया है. 2006 से यह केस हाई कोर्ट में चल रहा है. 12 मार्च 2010 को हाईकोर्ट का इस पर फैसला आया था. 2010 या 2012 में किसकी सरकार थी यह राहुल गांधी को जानना चाहिए. 2011 में मैंने काउंटर एफिडेविट फ़ाइल किया.
15 अगस्त 2018 में पीएम ने लालकिले से घोषणा किया था कि महिलाओं के लिए भी स्थायी कमीशन देना चाहिए. बाद में सरकार ने नीति भी बनाई है. जो लोग राजनीति चमकना चाहते है उन्हें बता दूं 2014 से पहले उन्होंने जो किया सबके सामने है. 2014 के बाद इस मामले में तमाम बाधाओं को दूर करने का काम सरकार ने किया है.
उन्होंने कहा कि नौकरशाही की तरफ से जो बाधाएं आ रही थी वो भी अब इस फैसले के बाद दूर हो गयी. कांग्रेस ने जो हलफनामा दायर किया था उससे साफ है कि कौन अड़ंगा लगा रहा था. उन सभी जस्टिसों को धन्यवाद जिन्होंने फैसला सुनाया.
क्या है मामला?
2010 में महिला अफसरों को लाभ देने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ कांग्रेस की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर मुहर लगाते हुए सेना में महिला अफसरों को स्थायी कमिशन देने का फैसला सुनाया था.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर कोई महिला अफसर स्थायी कमिशन चाहती है तो उसे इससे वंचित नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि सामाजिक और मानसिक कारण बताकर महिला अधिकारियों को अवसर से वंचित करना न सिर्फ भेदभावपूर्ण है, बल्कि यह अस्वीकार्य है. कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार को अपने नजरिए और मानसिकता में बदलाव लाना चाहिए.
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