कैलाश विजयवर्गीय बोले- 2021 के जनवरी से CAA के तहत देंगे शरणार्थियों को नागरिकता

एबीपी न्यूज़ Updated at: 01 Jan 1970 05:30 AM (IST)

मीडिया से बात करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- हमें उम्मीद है कि सीएए कानून के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देने का काम अगले साल जनवरी से शुरू हो जाएगा. उन्होंने आगे कहा- "पड़ोसी देशों से आए नागरिकों को नागरिकता देने की ईमानदार निष्ठा के साथ केन्द्र ने नागरिकता संशोधन कानून को पास कराया है. "

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पिछले कई महीनों तक चुप्पी के बाद बीजेपी ने कहा कि विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून के तहत अगले साल के जनवरी से शरणार्थियों को नागरिकता देने का काम शुरू हो जाएगा. बीजेपी महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार 2021 के जनवरी से सीएए कानून के तहत नागरिकता देना शुरू करेगी.


मीडिया से बात करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- हमें उम्मीद है कि सीएए कानून के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देने का काम अगले साल जनवरी से शुरू हो जाएगा. 


"पड़ोसी देशों से आए नागरिकों को नागरिकता देने की ईमानदार निष्ठा के साथ केन्द्र ने नागरिकता संशोधन कानून को पास कराया है. "- कैलाश विजयवर्गीय ने कहा


पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले इस तरह की घोषणा खास मायने रखती है क्योंकि यह चुनाव प्रचार के दौरान वहां पर एक मुख्य मुद्दा बना था. कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान पर टिप्पणी देते हुए तृणमूल कांग्रेस नेता और पश्चिम बंगाल मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि बीजेपी राज्य के लोगों को मुर्ख बनाने का प्रयास कर रही है.



“बीजेपी के लिए नागरिकता का क्या मतलब है? अगर मटुआ हमारे नागरिक नहीं हैं तो कैसे वे साल दर साल विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मतदान करते हैं? बीजेपी को पश्चिम बंगाल के लोगों को मुर्ख बनाना छोड़ देना चाहिए.” - पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा
मटुआ समुदाय के लोग पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान में बांग्लादेश) के हैं और वे 1950 की शुरुआत में धार्मिक भेदभाव के चलते पश्चिम बंगाल में पलायन कर गए थे. पश्चिम बंगाल में इसकी आबादी करीब 30 लाख है और वे कम से कम वहां की चार लोकसभा सीट पर अपना असर रखते हैं. इसके साथ ही, नादिया, नॉर्थ और साउथ 24 परगना जिलों की 30 से 40 विधानसभा क्षेत्रों पर खासा असर है.


गौरतलब है कि 2019 के आखिर में और 2020 की शुरुआत में नागरिकता संशोधन कानून पर देशव्यापी प्रदर्शन देखने को मिला था. इस मुद्दे पर राष्ट्र दो हिस्सों में बंटता हुआ दिखाई दिया था.


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