नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के मुद्दे पर लगातार चल रहे हंगामे के बीच भारतीय जनता पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह इस मुद्दे पर पीछे नहीं हटने वाली है. बीजेपी का कहना है कि विपक्ष के कुछ दलों के द्वारा अफवाह और धर्म की राजनीति की जा रही है और बीजेपी उसको जनता के बीच जाकर उजागर करेगी.


कांग्रेस तब और अब, क्यों बदला रुख !


बीजेपी ने खासतौर पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब साल 2003 में मनमोहन सिंह ने बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की बात कही थी तो क्या कांग्रेस ने उनसे कभी उनके इस बयान पर जवाब मांगा. यहां तक कि साल 2004 से लेकर 2014 तक जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी तब कांग्रेस ने पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों के हालात पर चिंता व्यक्त की थी, तो आखिर अब क्या बदल गया कि कांग्रेस इस तरह की राजनीति कर रही है.


जनता के बीच जाकर विपक्ष के झूठ को किया जाएगा उजागर


बीजेपी का कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून से धार्मिक रूप से प्रताड़ित अनेक लोगों के जीवन में आशा, विश्वास, प्रतिष्ठा और उनको पूजा करने का अधिकार मिला है. बीजेपी विपक्ष की झूठ की राजनीति का पर्दाफाश करेगी और देशभर में जाकर जवाब देगी. भारतीय जनता पार्टी ने साफ किया है कि वह इसको लेकर एक अभियान चलाएगी जिसके तहत 3 करोड़ से ज्यादा परिवारों से संपर्क किया जाएगा और इस दौरान देश में रैली और सभा आयोजित की जाएंगी. इन रैलियों और सभाओं का मकसद होगा कि जनता के के बीच नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर उठ रहे सवालों और फैल रही अफवाहों को दूर करें.


मुस्लिम बाहुल्य देशों से आए शरणार्थियों को लिया जाएगा साथ


इस अभियान के तहत बीजेपी अपने साथ मुस्लिम बाहुल्य देशों से आए शरणार्थियों को भी जोड़ेगी. यह वह शरणार्थी होंगे जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धर्म की वजह से प्रताड़ित किए जा रहे थे और अब भारत में आकर शरणार्थी का जीवन जी रहे हैं. इन शरणार्थियों को सामने लाकर बीजेपी जनता के बीच यह संदेश देना चाहती है कि इस कानून के बनने के बाद से अब ऐसे लोगों को फायदा मिलेगा और देश की नागरिकता मिलेगी.


सीएए और एनआरसी दो अलग विषय


बीजेपी का कहना है कि विपक्ष जिस चीज को लेकर जनता को गुमराह कर रहा है वह दो अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं. यानि की नागरिकता संशोधन कानून एनआरसी से पूरी तरह अलग है. एनआरसी एक प्रशासनिक विषय है और यह पंजीकरण का कार्यक्रम है जबकि नागरिकता संशोधन कानून के तहत देश के नागरिकों से नागरिकता छीनी नहीं जा सकती बल्कि मुस्लिम बाहुल्य देशों से आए शरणार्थियों को देने की बात की जाती है.


समाज के अलग-अलग तबकों के बीच जाकर देंगे स्पष्टता


बीजेपी अपने इस अभियान के दौरान समाज के अलग-अलग तबकों से संवाद कर उनके संशय को दूर करेगी. इस दौरान विद्यार्थियों के बीच जाकर उनसे भी बात की जाएगी और उनके मन में उठे सवालों का जवाब दिया जाएगा. मतलब साफ है कि बीजेपी नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के मुद्दे पर लगाताार चल रहे हैं विरोध के बाद भी पीछे हटती नहीं दिख रही और वह जनता के बीच जाकर यह बताने की तैयारी कर रही है कि इस मुद्दे पर जनता को गुमराह कर विपक्ष अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहा है.