सोमवार को बीजेपी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा. जेपी नड्डा बीजेपी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे. हालांकि, बीजेपी ने संगठन चुनाव की औपचारिकता पूरी करने के लिए चुनाव की अधिसूचना भी जारी की है लेकिन माना जा रहा है कि कोई भी दूसरा उम्मीदवार ना होने की वजह से जेपी नड्डा निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे. आपको बता दें सोमवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी.


जेपी नड्डा के समर्थन में 21 राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष नामांकन पत्र चुनाव अधिकारी राधा मोहन सिंह के सामने जमा करेंगे. जिन राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष जेपी नड्डा के समर्थन में नामांकन पत्र प्रस्तुत करेंगे उनमें दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, पंजाब जैसे राज्य शामिल हैं.


बीजेपी के संगठन चुनाव की प्रक्रिया के तहत ही नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है इसके लिए बीजेपी ने अधिसूचना जारी कर दी है. बीजेपी के चुनाव प्रभारी राधा मोहन सिंह की तरफ से जारी की गई अधिसूचना में लिखा है, "भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय संगठन आत्मक चुनाव कार्यक्रम की प्रक्रिया के पहले चरण में सदस्यता एवं सक्रिय सदस्यता के अभियान के बाद 75 फ़ीसदी भूत समितियों का गठन होने के बाद 50 फ़ीसदी मंडल समितियों का गठन हुआ. उसके बाद देश भर में 60 फ़ीसदी जिलों में विधिवत चुनाव बीजेपी के संविधान अनुसार संपन्न होने के बाद 21 प्रांतों का प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय परिषद सदस्यों का चुनाव संपन्न हुआ है आज में राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव की समय सारणी घोषित करता हूं"


इस अधिसूचना में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कार्यक्रम दिया गया है. कार्यक्रम के मुताबिक, चुनाव 20 जनवरी को होगा उसके लिए नामांकन प्रक्रिया सुबह 10:00 बजे से 12:30 बजे तक चलेगी, नामांकन पत्रों की जांच दोपहर 12:30 बजे से 1:30 बजे तक होगी. नाम वापसी 1:30 से 2:30 तक की जा सकेगी. अगर एक से ज्यादा उम्मीदवार नामांकन पत्र भरते हैं और चुनाव की नौबत आती है तो चुनाव 21 जनवरी को होगा इसके लिए मतदान सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक किया जा सकेगा.


आपको बता दें कि संगठन चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही बीजेपी के संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता है. माना जा रहा है कि जेपी नड्डा, जो कि वर्तमान में बीजेपी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जो बीजेपी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे. 20 तारीख की शाम को जेपी नड्डा के निर्वाचन का ऐलान भी हो जाएगा इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे. जेपी नड्डा बीजेपी के 11वें राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे जेपी नड्डा छात्र राजनीति के दौरान एबीवीपी से जुड़ने और उसके बाद बीजेपी के युवा मोर्चा से होते हुए हिमाचल की राजनीति मैं सक्रिय हुए और उसके बाद विधायक और मंत्री भी बने. 2010 में वे राष्ट्रीय राजनीति में आए जब नितिन गडकरी ने उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया.



जेपी नड्डा का जन्म साल 1960 में पटना में ब्राह्मन परिवार में हुआ. उनके पिता नारायण लाल नड्डा पटना यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रहे. नड्डा की प्राथमिक शिक्षा पटना के सेंट जेवियर स्कूल में हुई और बीए उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से किया.


नड्डा के राजनीतिक सफर की शुरुआत आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी से हुई. उन्होंने 1975 के जय प्रकाश नारायण आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई. इसके बाद नड्डा पैतृक राज्य हिमाचल प्रदेश आ गए और उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री ली. इसी दौरान 1983 में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्वकालीन कार्यकर्ता के रूप नड्डा ने हिमाचल में ABVP के संगठन मंत्री का कार्य किया.


1985-89 तक नड्डा दिल्ली में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के पुरकालीन कार्यकर्ता के रूप में संगठन मंत्री रहे और दिल्ली में अनेक छात्र आंदोलन का नेतृत्व करते हुए राष्ट्रीय संघर्ष मोर्चा के माध्यम तत्कालीन राजनैतिक स्थितियों में बदलाव का नेतृत्व किया. इसके बाद 1989 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के राष्ट्रीय मंत्री ज़िम्मेदारी निभाई.


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1990 में भारतीय जनता पार्टी में संगठन मंत्री की ज़िम्मेदारी के साथ नड्डा हिमाचल प्रदेश भेजे गए. 1991 में भारतीय जनता युवा मोर्चा में राष्ट्रीय अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी मिली और तत्कालीन अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में कार्य करते हुए तिरंगा यात्रा में युवाओं के साथ रहे.


स्कूलिंग के दौरान नड्डा ऑल इंडिया जूनियर स्वीमिंग चैम्पियनशिप में बिहार का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. नड्डा ने 11 दिसंबर 1991 को मल्लिका से शादी रचाई. उनके दो बच्चे हैं. नड्डा की सास जयश्री बनर्जी लोकसभा सांसद रह चुकी हैं.


पहली बार नड्डा 1993 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा पहुंचे और लगातार तीन बार विधायक चुने गए. वे 1994 से 1998 तक विधानसभा में पार्टी के नेता भी रहे. इसके बाद वे दोबारा 1998 में विधायक चुने गये. इस बार उन्हें स्वास्थ्य और संसदीय मामलों का मंत्री बनाया गया.


2007 में फिर से नड्डा चुनाव जीते और प्रेम कुमार धूमल की सरकार में उन्हें वन-पर्यावरण, विज्ञान व टेक्नालॉजी विभाग का मंत्री बनाया गया. 2012 में जेपी नड्डा को राज्यसभा का सांसद चुना गया. उन्हें मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय की कमान सौंपी गई.


नड्डा के सामने चुनौती
पिछले एक साल में पांच राज्यों से बीजेपी की पकड़ जाने के बाद क्या जे.पी.नड्डा बीजेपी के लिए राज्यों में अप्रत्याशित बदलाव ला सकते हैं? बड़ा सवाल है कि वह बीजेपी के लिए क्या 2020 में नुकसानों को रोक सकते हैं, जब दिल्ली और बिहार में चुनाव होने हैं.


जेपी नड्डा को उनके मिलनसार व्यवहार के लिए जाना जाता है. बीजेपी के एक राष्ट्रीय सचिव ने कहा, "उनका इनकार भी मुस्कान के साथ होता है." ऐसे समय में जब बीजेपी तेजी से सहयोगियों को खो रही है और उस पर अक्खड़ होने की बात कही जा रही है, ऐसे में नड्डा चेंजमेकर हो सकते हैं.