राजस्थान: पंचायत चुनाव में हार के लिए अशोक गहलोत ने विपक्ष के दुष्प्रचार को जिम्मेदार ठहराया है. राजस्थान के सीएम ने कहा कि नतीजे कांग्रेस के लिए अच्छे नहीं रहे. हमें बेहतर करना चाहिए था. गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार कोरोना से निपटने में जुटी थी.
हम संकट की इस घड़ी में लोगों कि जान और उनकी आजीविका बचाने में लगे थे. इसी चक्कर में बीजेपी ने वोटरों को गुमराह कर वोट ले लिए. अशोक गहलोत ने कहा कि हम लोगों तक सरकार के काम को पहुंचाने में नाकाम रहे. जबकि विपक्ष के लोग गांव-गांव तक जाकर लोगों को झूठे वादे करते रहे. पंचायत चुनाव में बीजेपी से पिछड़ने के बाद पहली बार गहलोत ने इस मुद्दे पर अपने मन की बात की है.
बीजेपी ने किसान कानून के समर्थन की जीत बताया
पंचायत चुनाव में हार के बाद से ही अशोक गहलोत निशाने पर हैं. बीजेपी ने इसे किसान कानून के समर्थन की जीत बताया. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर राजस्थान के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बधाई दी. गहलोत अपनी पार्टी कांग्रेस में भी अपनों के निशाने पर हैं. किसी बड़े नेता ने खुल कर तो कुछ नहीं कहा लेकिन अंदर ही अंदर सचिन पायलट खेमे के लोग इसे गहलोत की व्यक्तिगत हार बता रहे हैं.
गहलोत के समर्थक नेताओं और मंत्रियों ने अपने नाते रिश्तेदारों को मन भर कर टिकट दिलाया. परिवार के ऐसे अधिकतर लोग चुनाव हार गए. राजस्थान के 33 में से 21 ज़िलों में पंचायत चुनाव हुए. बीजेपी को 1989 सीटें मिली जबकि कांग्रेस को 1852 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. जिला परिषद के चुनाव में भी कांग्रेस के 252 सीटों के मुकाबले बीजेपी 353 सीटें जीत कर आगे रही.
बीजेपी ने गहलोत सरकार को रेड सिग्नल दिखा दिया है
इसी महीने अशोक गहलोत सरकार के दो साल पूरे हो रहे है. लेकिन उससे पहले उनके लिए कोई अच्छी खबर नहीं आ रही है. हर तरफ से उनके लिए अशुभ संदेश आ रहे हैं. गहलोत सरकार को अब तक समर्थन दे रही बीजेपी ने अब रेड सिग्नल दिखा दिया है. दो विधायकों वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी ने राज्य सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला कर लिया है. कोटा के अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत के बाद से गहलोत सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. पिछले साल भी इसी समय कोटा में 110 बच्चों की जान चली गई थी.
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