बेंगलूरू: आखिर कर्नाटक को आज नया मुख्यमंत्री मिल गया. राजनीतिक और अदालती लड़ाई के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीएस येदुरप्पा को सूबे के राज्यपाल वजुभाई वाला ने बेंगलूरू स्थित राजभवन में सीएम पद की शपथ दिलाई. अब येदुरप्पा के सामने फ्लोर टेस्ट की चुनौती है. इसके लिए राज्यपाल ने 15 दिनों का वक्त दिया है. इससे पहले ऐतिहासिक घटनाक्रम के तहत सुप्रीम कोर्ट ने देर रात कई घंटों तक कांग्रेस और जेडीएस की याचिका पर सुनवाई की.


अदालत ने बीएस येदुरप्पा के कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने पर रोक लगाने से मना कर दिया. कांग्रेस की दलील थी की राज्यपाल का फैसला अव्यवहारिक है. कांग्रेस का कहना था कि जब कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के बाद बहुमत है तो राज्यपाल को उन्हें सरकार बनाने का न्योता देना चाहिए.


येदुरप्पा के शपथ ग्रहण से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया. राहुल ने ट्वीट कर कहा, "बहुमत का आंकड़ा न होने के बावजूद कर्नाटक में सरकार बनाने की बीजेपी की जिद अतार्किक है. ये संविधान का मजाक उड़ाना है. आज सुबह बीजेपी अपनी खोखली जीत का जश्न मनाएगी. भारत लोकतंत्र के हार का मातम मनाएगा."


किसके पास है कितनी सीटें?
बीजेपी राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में 104 सीटें हासिल करके सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. चुनाव के बाद बने कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के 115 (कांग्रेस के 78 और जेडीएस के 37) विधायक हैं. वहीं बीएसपी, कर्नाटक जनता पार्टी और निर्दलीय के पास एक-एक विधायक हैं.


आगे क्या होगा?
अब जब येदुरप्पा ने शपथ ले ली है और वह बहुमत साबित करने में सफल रहते हैं तो सत्ता के लिए आस लगाई बैठी कांग्रेस और जेडीएस को विपक्ष में बैठना होगा. कांग्रेस-जेडीएस के सामने अपने विधायकों को टूटने से रोकना है. इसके लिए दोनों दलों ने विधायकों को बेंगलुरू के रिसॉर्ट में रखा है. ताकि वह बीजेपी नेताओं के संपर्क में न आएं.


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येदुरप्पा को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट (SC) ने कांग्रेस-जेडीएस की याचिका पर कर्नाटक सरकार और येदुरप्पा को नोटिस भेजा है. SC अब शुक्रवार (कल) सुबह साढ़े दस बजे एक बार फिर मामले पर सुनवाई करेगी. शीर्ष अदालत बीजेपी द्वारा राज्यपाल को भेजा पत्र उसके समक्ष पेश करने का आदेश दिया है.