बीजेपी नेता खुशबू सुंदर ने तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (TNCC) की अनुसूचित जाति शाखा की ओर से उनका पुतला फूंकने के मामले पर प्रतिक्रिया दी. खुशबू ने शनिवार (25 नवंबर) को कहा कि उन्होंने ऐसे कई जोकर देखे हैं.
उन्होंने कहा, "तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (TNCC) की अनुसूचित जाति शाखा के सदस्यों ने उनकी 'चेरी भाषा' वाली टिप्पणी पर उनका पुतला जलाया, जो कि बहुत हास्यास्पद था."
इस हफ्ते की शुरुआत में उस समय एक विवाद खड़ा हो गया था जब खुशबू सुंदर ने तमिल अभिनेता मंसूर अली खान को एक्स पर अभिनेत्री तृषा के खिलाफ की गई टिप्पणियों को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए 'चेरी' शब्द का इस्तेमाल किया था.
खुशबू सुंदर ने क्या कहा था?
इससे पहले उन्होंने डीएमके पर भी निशाना साधते हुए कहा था, "डीएमके के गुंडे यही करते हैं. अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं. उन्हें महिलाओं का अपमान करना सिखाया जाता है. माफ करें, मैं अपनी चेरी भाषा नहीं बोल सकती, लेकिन मैं सुझाव दूंगी कि उठें और देखें कि क्या बोला गया और क्या कार्रवाई की गई."
कांग्रेस और दलित संगठन हुए नाराज
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक खुशबू की 'चेरी' वाले कमेंट पर कांग्रेस और कई दलित संगठन नाराज हो गए और उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. गौरतलब है कि तमिल भाषा में चेरी शब्द को दलित बस्तियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
मामला बढ़ता देख खुशबू सुंदर ने बाद में दावा किया कि उन्होंने फ्रांसीसी शब्द 'चेरी' का इस्तेमाल किया था जिसका मतलब प्रिय या प्रिय होता है. हालांकि, टीएनसीसी उनके स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हुई और पार्टी की अनुसूचित जाति विंग ने शुक्रवार (24 नवंबर) को चेन्नई में खुशबू का पुतला जलाया.
कांग्रेस को लेकर किया बोली खुशबू?
विरोध पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीजेपी नेता सुंदर ने कहा, "मुझे यह बहुत हास्यास्पद लगता है कि कांग्रेस ऐसी बातें लेकर आ रही है. हमने कांग्रेस देखी है, जहां जवाहरलाल नेहरू या इंदिरा गांधी ने खुद को भारत रत्न दिया था, सम्मानित किया था. लेकिन डॉ. अंबेडकर को वीपी सिंह को भारत रत्न तब दिया गया जब अटल बिहारी वाजपेई और लालकृष्ण आडवाणी ने इसके लिए लड़ाई लड़ी."
उन्होंने कहा कि आप खुद को भारत रत्न से सम्मानित कर सकते हैं, लेकिन इतने साल तक एक व्यक्ति जो दलितों और अनुसूचित जाति का चैंपियन था, आप उसे कभी पुरस्कार नहीं दे पाए.