महाराष्ट्र: बीजेपी की ओर से गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में राज्य की 30 चीनी मिलो की खरीदी में हुए घोटाले की जांच परिवर्तन निदेशालय यानी ईडी से कराने की मांग की गई है. खास बात यह है कि इसमें बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खरीदे गए विदर्भ के दो चीनी मिलों का भी नाम शामिल है.
आपको बता दें कि, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बंद पड़ी दो सहकारी चीनी मिल खरीद कर किसानों को राहत पहुंचाने का काम कुछ वर्ष पहले किया था. महाराष्ट्र बीजेपी इकाई के प्रमुख चंद्रकांत पाटील में 3 जुलाई को गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में 30 चीनी मिलों की जांच कराने की लिस्ट सौंपी है. उसमें वर्धा जिले के महात्मा सहकारी चीनी कारखाना और भंडारा जिले के वैनगंगा सहकारी चीनी कारखाना शामिल है. साल 2009-10 में बंद पड़े इन दोनों चीनी मिलों को नितिन गडकरी ने पूर्ति कंपनी के जरिए खरीदा था.
नितिन गडकरी ने बंद पड़ी दोनों चीनी मिलो को खरीदने का तय किया
दरअसल बंद पड़ी इन दोनों चीनी मिलो की बोली लगाने के लिए कोई भी जब सामने नहीं आया तब इलाके के किसानों को संकट से बाहर निकालने के लिए नितिन गडकरी ने इन कारखानों को खरीदने का तय किया. आपको बता दें कि ED के रडार पर जो चीनी मिले हैं उनमें मुख्य तौर वह चीनी मिले हैं जिन्हें निजी कंपनियों ने खरीदी किया और बाद में डिस्टिक कोऑपरेटिव बैंक से चीनी मिलों के लिए करोड़ों रुपए का लोन लिया गया. हालांकि नितिन गडकरी ने जो चीनी मिले खरीदी उसके लिए राज्य सहकारी बैंक से कोई कर्ज नहीं लिया है.
ईडी मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव बैंक घोटाले मामले में कोई कार्रवाई कर सकती है
इन दोनों चीनी मिलों के लिए गडकरी ने उस वक्त राष्ट्रीय कृत बैंक आंध्रा और बैंक ऑफ इंडिया से कर्ज लेने की बात की. हालांकि अब गड़करी का नाम सामने आने के बाद बीजेपी भी बैक फुट पर है. आपको बता दें कि बॉम्बे ई कोर्ट के आदेश के बाद ईडी ने मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव बैंक में हुए कथित 25 हजार करोड़ के घोटाले मामले में अजित पवार के रिश्तेदार द्वारा संचालित सातारा के जरअंदेश्वर चीनी कारखाने को सील कर दिया है. जिसके बाद से इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ईडी मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव बैंक घोटाले मामले में कोई और बड़ी कार्रवाई कर सकती है.
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