गांधीनगरविकास बुलंद है या फिर विकास पागल है ? ये सवाल अभी गुजरात की हर गलियों में गूंज रहा है. विकास के पागल होने की बात सबसे पहले एक आदमी ने की थी जिसे कांग्रेस ने हाथों हाथों लपक लिया. अब इसके जवाब में बीजेपी भी अपने विकास को लेकर सामने आ गई है. विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने नया नारा दिया है, ‘मैं ही गुजरात हूं, मैं ही विकास हूं’.


कहां से शुरु हुई विकास के पागल होने की कहानी?


गुजरात जुबां का गोडो थई छो हिंदी में आकर हो जाता है- ‘विकास पागल हो गया है’!


विकास के जिस पागलपन का जिक्र करके कांग्रेस और दूसरे दल बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं, उस विकास के पागलपंथी की कहानी एक दिलचस्प फेसबुक पोस्ट से शुरू हुई.


20 साल के सागर सावलिया नाम के एक लड़के ने फेसबुक पर एक सरकारी बस और टूटे हुए टायर की तस्वीर डालते हुए लिखा था, ‘’सरकारी बसें हमारी हैं,लेकिन इनमें चढ़ने के बाद आपकी सुरक्षा की जिम्मेदारी आपकी हैजहां हैंवही रहिए क्योंकि विकास पागल हो गया है.’’


इसके बाद लोग ‘विकास पागल हो गया’ के कैप्शन के साथ गुजरात की बदहाली की तस्वीर पोस्ट करने लगे और उनमें होड़ सी मच गई कि कौन कितने मजेदार तरीके से विकास को पागल साबित कर सकता है.


लोग क्या-क्या लिख रहे हैं?




  • ‘’गुजरात का विकास अब पागल हो गया है. आईए भावनगर रेलवे स्टेशन में सफर करने नहीं स्विमिंग करने.’’

  • ‘’पेट्रोल का भाव जुलाई से अगस्त में 73 रुपये से 99 रुपये हो गया दिसम्बर तक 100 रुपया हो सकता है क्योंकि ‘विकास पागल हो गया है’. रुक ही नहीं रहा है.’’

  • ‘’लैटफॉर्म टिकट 20 रुपए कर दिया गया क्योंकि ‘विकास पागल हो गया है’ और धीरे धीरे विनाश का रुप ले रहा है.’’


सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ऐसे ट्वीट और फेसबुक पोस्ट ने विरोधियों को बीजेपी सरकार पर निशाना साधने के लिए बैठे बिठाए एक अच्छा मौका दे दिया. गुजरात दौर पर पहुंचे राहुल गांधी ने भी बीजेपी सरकार पर निशाना साधने के लिए पागल विकास का ही सहारा लिया.


राहुल ने कहा था- विकास को क्या हो गया है


राहुल ने कहा, ‘’विकास को क्या हो गया है? जवाब भीड़ ने गुजराती जुबान में कहा ‘गाडो थई छो’ यानी पागल हो गया है.’’ मौका देखकर चौका लगाने में शिवसेना भी नहीं चूकी. उसने अपने मुखपत्र सामना में इसी विकास का जिक्र करते हुए बीजेपी सरकार से बदला चुकाने की पूरी कोशिश की है.


कांग्रेस उपाध्यक्ष के इस हमले से तिलमिलाई बीजेपी ने ‘‘विकास पागल हो गया है’ नारे का जवाब देने के लिए विकास को ही मुद्दा बनाया है. बीजेपी ने दावा किया है कि राज्य में विकास बुलंद हुआ है और विकास के पागल होने की जो बात कही जा रही है, वो हर नजरिए से गलत है.


BJP का नारा- मैं ही गुजरात हूं, मैं ही विकास हूं


रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि बीजेपी ने ‘मैं ही गुजरात हूं, मैं ही विकास हूं’ के नारे के साथ जनता के बीच जाने का एलान कर दिया है. उनका दावा है कि गुजरात की कमान संभालने के बाद नरेंद्र मोदी ने राज्य में विकास की जो गंगा बहाई है, उसकी धार में अब भी कोई कमी नहीं आयी है.


बीजेपी नये नारे के साथ उत्साह से गुजरात के चुनावी मैदान में कूद पड़ी है, लेकिन उसके अपने ही सहयोगी उसके लिए सिरदर्द बने हुए हैं. नोटबंदी और जीएसटी को लेकर जैसे ही बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने सरकार पर निशाना साधा, सरकार की सहयोगी शिवसेना भी कहने लगी कि विकास तो पागल हो गया है.


राहुल गांधी ने बड़ी समझदारी भरी टिप्पणी की है कि विकास के बारे में कुछ लोगों ने बड़ी गप हांकी इसलिए विकास पागल हो गया होगा. ईवीएम मशीन में घोटाला करके और पैसों का इस्तेमाल करके चुनाव जीत लिया तो विकास हो गया ऐसा कुछ लोगों को लगता है, लेकिन विकास की अवस्था विकट हो गई है.


हार्दिक पटेल ने भी साधा निशाना


गुजरात में बीजेपी के लिए सिरदर्द बने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने भी इस मुद्दे को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है, ‘’आज नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री है. फिर भी गुजरात में किसान औऱ व्यापारी परेशान हैं. दलितों पर लगातार हमले हो रहे हैँ. पाटीदार अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है. फिर कैसा विकास हुआ?’’


गुजरात में केवल विरोधी विकास के पागल होने की बात करते तो बीजेपी शायद उतना परेशान नहीं होती, लेकिन उसकी असली समस्या ये है कि आम आदमी भी सोशल मीडिया पर बढ़ चढ़कर दावा कर रहे हैं कि ‘विकास पागल हो गया है’.


विरोधियों के विकास पागल हो गया के जवाब में बीजेपी ने अब अपने बुलंद विकास को मैदान में उतार दिया है. देखना दिलचस्प होगा कि गुजरात में किसका विकास क्या गुल खिलाता है?