कोलकाता: बीजेपी कार्यकर्ताओं ने आज बड़ी संख्या में कोलकाता की सड़क पर उतर टीएमसी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. बीजेपी की 'नबन्ना चलो अभियान' के दौरान कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज और पार्टी कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर हुई हत्या का विरोध कर रही है.


वहीं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने कहा राज्य में कानून व्यवस्था की हालात खतरनाक है. उन्होंने ने कहा, “पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की हालत खतरनाक है. यहां अल-कायदा जैसे आतंकी संगठन हैं. यह देश की सुरक्षा के लिए चुनौती है. 6 को यहां से गिरफ्तार किया गया और जो तीन अन्य गिरफ्तार हुए, वे भी यहीं से संबंधित हैं. पुलिस और एजेंसियों को कोई खबर ही नहीं थी.”






इस बीच कोलकाता पुलिस ने बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, सांसद लॉकेट चटर्जी, अर्जुन सिंह, राकेश सिंह, बीजेपी नेताओं भारती घोष और जयप्रकाश मजुमदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.






पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, “पुलिस टीएमसी कैडर की तरह काम कर रही है. यह साफ है कि सीएम ममता बनर्जी डरी हुई हैं और इसलिए पुलिस का इस्तेमाल अपने कैडर के रूप में कर रही हैं. हमारे खिलाफ दर्ज मामले शर्मनाक हैं. एक लोकतंत्र इस तरह से काम नहीं करता है, हम कानूनी रूप से लड़ेंगे.


बता दें बीजेपी के हजारों कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को राज्य सचिवालय मार्च करने के लिए कोविड-19 से जुड़े दिशानिर्देशों की अवज्ञा करते हुए गुरुवार को कोलकाता और हावड़ा में सड़कों पर उतरे थे. इसके चलते पुलिस को उन पर कार्रवाई करनी पड़ी, जिसमें दर्जनों लोग घायल हो गये. प्रत्यक्षदर्शियों और अधिकारियों ने यह जानकारी दी.


बीजेपी कार्यकर्ताओं ने राज्य में कानून व्यवस्था की कथित तौर पर खराब होती स्थिति को लेकर ‘नबन्ना’ की ओर मार्च किया था. इस दौरान दोनों शहरों के कई हिस्से प्रभावित हुए. प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े, उन पर पानी की बौछार करनी पड़ी और यहां तक कि लाठी का भी इस्तेमाल करना पड़ा. कार्रवाई में भाजपा के कई नेता एवं कार्यकर्ता तथा पुलिसकर्मी भी घायल हो गये.


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