दक्षिण भारत में बीजेपी के मजबूत सिपहसालार थे अनंत कुमार, अटल की पहली सरकार में थे सबसे युवा मंत्री
अनंत कुमार 1996 में पहली बार दक्षिणी बेंगलुरु से लोकसभा के सदस्य बने थे. 1996 में 13 दिन की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उन्हें उड्डयन मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. साल 2014 में मोदी सरकार में उन्हें रसायन और उर्वरक मंत्रालय सौंपा गया था.
बेंगलुरू: देर रात करीब डेढ़ बजे केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता अनंत कुमार का 59 साल की उम्र में कैंसर की वजह से निधन हो गया. 22 जुलाई 1959 को बेंगलुरु में जन्मे अनंत कुमार 1996 में पहली बार दक्षिणी बेंगलुरु से लोकसभा के सदस्य बने थे. 1996 में 13 दिन की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उन्हें उड्डयन मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. साल 2014 में मोदी सरकार में उन्हें रसायन और उर्वरक मंत्रालय सौंपा गया था. जुलाई 2016 में उनके कार्यक्षेत्र का विस्तार करते हुए उन्हें संसदीय कार्यमंत्री की जिम्मेदारी भी दी गई थी. उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत कई मंत्रियों ने शोक जाहिर किया.
इमरजेंसी के विरोध में जाना पड़ा था जेल
अनंत कुमार दक्षिण भारत में बीजेपी का एक बड़ा चेहरा थे. उनके निधन को बीजेपी के लिए एक बड़ा नुकसान माना जा रहा है. बेंगलुरू में जन्मे अनंत कुमार ने केएस ऑर्ट कॉलेज हुबली से बीए किया और इसके बाद उन्होंने जेएसएस लॉ कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रभावित होने के कारण, वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(ABVP) की स्टूडेंट विंग के सदस्य भी थे. आपातकाल का विरोध करने की वजह से उन्हें इंदिरा गांधी सरकार ने हजारों अन्य छात्र कार्यकर्ताओं के साथ जेल में बंद कर दिया था. इमरजेंसी खत्म होने के बाद राज्य में उनका कद तेजी से बड़ा. उन्हें एबीवीपी के राज्य सचिव के रूप में निर्वाचित किया गया और बाद में, 1985 में उन्हें राष्ट्रीय सचिव बन दिया गया. बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए और उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा के राज्य अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया. उसके बाद उन्हें 1996 में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव का पद दिया गया.
अटल सरकार में थे सबसे कम उम्र के मंत्री
अनंत कुमार 1996 में 11 वीं लोक सभा के लिए बेंगलुरू के दक्षिण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे. साल 1998 हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिर से जीत दर्ज की. उन्हें केंद्र की अटल सरकार में उड्डयन मंत्री के रूप में शामिल किया गया. अनंत कुमार उस वक्त सरकार में सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री थे. 1999 में, उन्होंने लगातार तीसरे चुनाव में फिर से जीत दर्ज की. इस जीत से उनका केंद्र में उनका कद और तेजी से बड़ा और उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार में कैबिनेट मंत्री बनया गया. उन्होंने पर्यटन, खेल और युवा मामलों, संस्कृति, शहरी विकास और गरीबी उन्मूलन जैसे विभिन्न मंत्रालयों को संभाला था.
पत्नी तेजस्वनी सहित परिवार में हैं दो बेटियां
अनंत कुमार साल 2003 में बीजेपी की कर्नाटक राज्य इकाई के अध्यक्ष बने. इनके नेतृत्व में बीजेपी विधान सभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और साल 2004 केंद्र से बेदखल होने के बावजूद भी में कर्नाटक में बीजेपी ने सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें जीती. 2004 में, उन्हें एमपी, बिहार, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में बीजेपी में अपनी सेवाएं दी. साल 2014 में मोदी सरकार में उन्हें रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय सौंपा गया और जुलाई 2016 में उन्हें संसदीय कार्यमंत्री की जिम्मेदारी भी दी गई थी. अनंत कुमार के परिवार में पत्नी तेजस्विनी, दो बेटियां ऐश्वर्या और विजेता हैं.
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