MP Election Results: ये हैं वो VIP सीटें जहां दांव पर हैं दिग्गज पार्टियों की साख
मध्य प्रदेश में सबसे दिलचस्प मुकाबला बुधनी विधानसभा सीट पर है. बुधनी से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव चुनावी मैदान में हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शिवराज के खिलाफ डॉ महेंद्र सिंह चौहान को उतारा था. चौहान बनाम चौहान की लड़ाई में सीएम शिवराज 84 हजार वोटों से जीते थे.
भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा की सभी 230 सीटों के पर आज काउंटिंग हो रही है. कहा जा रहा है कि आज के नतीजे 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टियों की किस्मत का फैसला कर देंगे. 2019 के लोकसभा चुनाव से ऐन पहले घोषित किये जा रहे पांच राज्यों के चुनाव परिणाम सत्ता के सेमीफाइनल की तरह हैं. इन राज्यों के चुनाव परिणाम से 2019 के लिए धुंधली सी तस्वीर तो पेश हो ही जायेगी. तो आइए डालते हैं राज्य की उन सीटों पर नजर उन VIP सीटों पर जो चर्चा में हैं.
ये रहा उम्मीदवारों का आंकड़ा
बीजेपी ने सभी 230 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने 229 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं और एक सीट अपने सहयोगी शरद यादव के लोकतांत्रिक जनता दल के लिये छोड़ी है. आम आदमी पार्टी (आप) 208 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 227, शिवसेना 81 और समाजवादी पार्टी (सपा) 52 सीटों पर चुनावी मैदान में है.
इन सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार आजमा रहे हैं किस्मत
बुधनी मध्य प्रदेश में सबसे दिलचस्प मुकाबला बुधनी विधानसभा सीट पर है. बुधनी से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव चुनावी मैदान में हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शिवराज के खिलाफ डॉ महेंद्र सिंह चौहान को उतारा था. चौहान बनाम चौहान की लड़ाई में सीएम शिवराज 84 हजार वोटों से जीते थे. शिवराज को 1,28,730 तो वहीं महेंद्र सिंह चौहान को 43,925 वोट मिले थे.
आंकड़ों पर नजर डालें तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा क्षेत्र में दो चरणों की मतगणना के बाद अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव से आगे चल रहे हैं.
भितरवार मध्य प्रदेश में चुनाव विधानसभा का है लेकिन ग्वालियर में ये चुनाव तीन दिग्गज सांसदों के नाक की लड़ाई बन गया है. इस चुनाव में दांव पर इन सांसदों की सियासी साख है. सियासत के वो तीन चेहरे जिनके लिए इस बार ग्वालियर का विधानसभा चुनाव बेहद खास हो गया है उनमें एक तरफ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर हैं तो दूसरी ओर राजघराने के ज्योतिरादित्य सिंधिया. चुनावी मैदान में अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा ग्वालियर की भितरवार सीट पर चुनाव मैदान में हैं
खुरई बुधनी के बाद मध्य प्रदेश के सागर जिले की खुरई विधानसभा सीट भी काफी हाई प्रोपाइल है. इस सीट से मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह चुनाव मैदान में हैं. भूपेंद्र सिंह का सामना कांग्रेस के अरुणोदय चौबे से हो रहा है. पिछले चुनाव में भी मुकाबला इन दोनों के बीच ही था. 2013 में बीजेपी के भूपेंद्र सिंह को 62,127 तो वहीं कांग्रेस के अरुणोदय चौबे को 56,043 वोट मिले थे.
इंदौर बीजेपी ने अपनी पार्टी के महासचिव और दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश को इंदौर-3 से उम्मीदवार बनाया है. बता दें कि 34 साल के आकाश पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ने जा रहे हैं. उनका मुकाबला अश्विन जोशी (58) से है जिन्हें कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है. जोशी इसी सीट से पूर्व में विधायक रह चुके हैं.
दतिया दतिया सीट से मध्य प्रदेश बीजेपी के कद्दावर नेता और शिवराज सरकार के जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ताल ठोंकी हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर राजेंद्र भारती चुनाव लड़ रहे हैं.
रहली सागर जिले के रहली विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी नेता और शिवराज सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव का कांग्रेस के कमलेश साहू से मुकाबला है. 2013 के चुनाव में भार्गव ने कांग्रेस के ब्रिजबिहारी पटेरिया को 50 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.
गोविंदपुरा मध्य प्रदेश में बीजेपी की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक भोपाल की गोविंदपुरा से बाबूलाल गौर गोविंदपुरा से लगातार 10 बार चुनाव जीत चुके हैं. 89 साल के बाबूलाल गौर इस बार गोविंदपुरा से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. इसलिए, मुकाबला और दिलचस्प हो गया है. बीजेपी ने बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर को मैदान में उतारा है. वहीं, कांग्रेस ने इस बार युवा चेहरे गिरीश शर्मा को मैदान में उतारकर गोविंदपुरा में मुकाबला रोचक बना दिया है.
बैतूल बैतूल विधानसभा सीट से एक मिथक जुड़ा हुआ है कि इस सीट से जिस भी दल को मतदाता जीत दिलाते हैं, प्रदेश में वही दल सरकार बनाती है. अब इस बार यह मिथक कायम रह पाता है या नहीं, यह तो नतीजों के बाद ही पता चलेगा. बीजेपी ने यहां से हेमंत खंडेलवाल तो वहीं कांग्रेस ने निलय डागा को अपना उम्मीदवार बनाया है.
इन सीटों में दांव पर है कांग्रेस की प्रतिष्ठा
चुरहट मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र की यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत अर्जुन सिंह चुरहट के ही रहने वाले थे. इसी सीट से अर्जुन सिंह के बेटे और मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह कांग्रेस के टिकट पर विधायक हैं. इस बार उनका मुकाबला बीजेपी के शरतेंदु तिवारी से है. बता दें कि शरतेंदु तिवारी, चंद्र प्रताप तिवारी के पोते हैं जिन्होंने 1967 में अर्जुन सिंह को चुरहट सीट से चुनाव हराया था.
झाबुआ झाबुआ सीट से कांग्रेस सांसद कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया चुनाव मैदान में हैं. कांतिलाल भूरिया मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. विक्रांत भूरिया का मुकाबला बीजेपी के गुमान सिंह दामोर से है.
राऊ मध्य प्रदेश में इंदौर के पास राऊ विधानसभा सीट से कांग्रेस के जीतू पटवारी उम्मीदवार हैं. जीतू पटवारी को कांग्रेस का कद्दावर नेता माना जाता है. वह अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं. बीते दिनों राऊ से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने जनसंपर्क अभियान के दौरान मतदाताओं से कहा था कि वो सिर्फ उनका ख्याल रखें, पार्टी गई तेल लेने. उनके बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. बीजेपी ने उनके खिलाफ मधु वर्मा को टिकट दिया है.
भोजपुर मध्य प्रदेश की भोजपुर सीट पर भी कांग्रेस-बीजेपी के बीच दिलचस्प मुकाबला होगा. इस सीट पर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं बीजेपी ने उनके खिलाफ सुरेंद्र पटवा को उम्मीदवार बनाया है. सुरेंद्र पटवा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे हैं.