नए कृषि सुधार संबंधी कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन 50वें दिन भी गुरुवार को जारी रहा. 15 जनवरी को नौवें दौर की सरकार के साथ बातचीत से पहले किसानों नेताओं ने एक बार फिर से धमकी दी है कि वे 26 जनवरी को यात्रा निकालेंगे. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी योजना ये है कि 26 जनवरी को लाल किला से इंडिया गेट तक जुलूस निकालेंगे. उन्होंने कहा- हम जब हम अमर जवान ज्योति पहुंचेंगे तो वहां पर तिरंगा फहराएंगे. यह ऐतिहासिक नजारा होगा जहां पर एक तरफ जवान तो दूसरी तरह किसान होंगे.
कल होगी नौवें दौर की वार्ता
इधर, सरकार और किसानों के बीच शुक्रवार को नौवें दौर की वार्ता होने जा रही है. किसान नेताओं की तरफ से कहा गया है कि वे सरकार के साथ कल वार्ता करने जा रहे हैं. क्रांतिकारी किसान यूनियन के चीफ दर्शन पाल ने कहा- आगे क्या करना है इस पर फैसला ये देखकर करेंगे कि सरकार का कैसा व्यवहार रहता है. एक कमेटी (कृषि कानूनों की समीक्षा को लेकर) के सदस्य पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं, जो अच्छी बात है.
कृषि कानूनों पर सरकार, किसानों के अलग मत
गौरतलब है कि गुरुवार को दिल्ली और इसके आसपास आंदोलन कर रहे किसानों का पचासवां दिन है. किसान संगठनों की मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों की वापसी के साथ एमएसपी को कानून का हिस्सा बनाए. किसानों को डर है कि इन कानूनों के जरिए सरकार एमएसपी को खत्म कर देगी और उन्हें उद्योगपतियों के भरोसे छोड़ देगी.
दूसरी तरफ, सितंबर महीने में विपक्षी दलों को भारी विरोध के बीच संसद की तरफ से पास कराए गए केन्द्रीय कृषि कानूनों को लेकर सरकार का तर्क है कि इसके जरिए कृषि क्षेत्र में सुधार होगा, निवेश के अवसर खुलेंगे और किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
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