गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा के बाद जहां एक तरफ कई संगठन एक के बाद एक किसान आंदोलन से किनारा कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर से आंदोनकारियों को उकसाते हुए प्रदर्शन को जारी रखने का ऐलान किया. राकेश टिकैत ने कहा कि अगर गोली चलानी होगी तो यहीं पर चलेगी और कुछ भी हुआ तो इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा.


भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने आगे कहा कि बीजेपी के लोग गुंडागर्दी कर रहे हैं इसलिए आंदोलन जारी रखो. उन्होंने कहा कि कोई गिरफ्तारी नहीं होगी. मैं यहीं पर फांसी लगा लूंगा.


टिकैत ने कहा- आंदोलन को किया जा रहा बदनाम


इससे पहले, दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान 26 जनवरी को भड़की हिंसा को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सवाल खड़े किए. उन्होंने गुरुवार की दोपहर को कहा कि दीप सिद्धू को लेकर कहा कि अगर कोई गया और झंडा फहराया तो फायरिंग क्यों नहीं हुई? कहां थी पुलिस? कैसे वह वहां तक पहुंच गया. पुलिस ने उसे जाने दिया और गिरफ्तार नहीं किया. अब तक कुछ नहीं किया गया. वह कौन शख्स था जिसने पूरे समुदाय और संगठन को बदनाम किया है.


दूसरी तरफ, भारतीय किसान यूनियन के सुप्रीमो चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि आंदोलनकारी गाजीपुर बॉर्डर ने धरना को खत्म कर दें. उन्होंने कहा कि सब सुविधाएं बंद होने के बाद कैसे चलेगा धरना. उन्होंने आगे कहा कि नेता, कार्यकर्ताओं को धरना खत्म कर वापस चले जाना चाहिए. नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों की पिटाई से अच्छा है कि वे धरना को खत्म कर दें.


किसान आंदोलन से किनारा करते संगठन


किसान आंदोलन से एक और गुट ने गुरुवार को किनारा कर लिया है. किसान महापंचायत के रामपाल जाट ने राजस्थान-हरियाणा सीम पर चल रहे आंदोलन को खत्म करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि हम संयुक्त किसान मोर्चा से 21 जनवरी को अलग कर लिया था लेकिन प्रदर्शन का समर्थन कर रहा था. लेकिन अब हर कदम का विश्लेषण करने के बाद आंदोलन का समर्थन करूंगा.


गौरतलब है कि दिल्ली में भड़की हिंसा के बाद भारतीय किसान यूनियन का दूसरा धड़ा भानू ने आंदोलन को खत्म करने का ऐलान किया. बीकेयू (भानू) के अध्यक्ष ठाकुर भानू प्रताप सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ उनसे काफी दुख पहुंचा. इसके अलावा, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने भी आंदोलन को खत्म करने का बुधवार को ऐलान किया.


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