पश्चिम बंगाल बीजेपी चीफ दिलीप घोष को दिखाए गए काले झंडे, काफिले पर पथराव
गुरुवार को पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के जयगांव क्षेत्र में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष के काफिले पर पत्थर फेंके गए और काले झंडे दिखाए गए. दिलीप घोष वहां पर एक पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने गए थे.
पश्चिम बंगाल लगातार पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं और नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है. विधानसभा चुनाव में अभी वक्त है लेकिन हिंसा का दौर पिछले कई महीनों से वहां पर जारी है. गुरुवार को पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के जयगांव क्षेत्र में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष के काफिले पर पत्थर फेंके गए और काले झंडे दिखाए गए। दिलीप घोष वहां पर एक पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने गए थे. यह जानकारी पुलिस ने दी.
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के कई कार्यकर्ताओं को घोष के खिलाफ नारे लगाते हुए देखा गया, जो उन्हें वहां से चले जाने को कह रहे थे. बीजेपी के सूत्रों ने कहा कि हमले में घोष का वाहन आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया. पुलिस अधिकारियों के एक दल ने प्रदर्शनकारियों और भाजपा समर्थकों को तितर-बितर करने के बाद स्थिति को नियंत्रित किया.
West Bengal: Convoy of state BJP chief Dilip Ghosh was attacked near Alipurduar. Protestors also showed black flags and raised 'go back' slogans. pic.twitter.com/zpwrQ2ta3y
— ANI (@ANI) November 12, 2020
दिलीप घोष ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस और उनके सहयोगी हताश हो रहे हैं, क्योंकि वे आगामी विधानसभा चुनावों में हार महसूस कर सकते हैं. हालांकि, इस तरह की रणनीति काम नहीं करेगी, लोग हमारे साथ हैं.’’ उन्होंने यह भी दावा किया कि इस तरह की घटना से पता चलता है कि बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे हथकंडे नहीं चलेंगे क्योंकि लोग हमारे साथ हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘चाय पे चर्चा सत्र के बाद हम एक और कार्यक्रम के लिए जा रहे थे, तभी हमारे काफिले पर पथराव किया गया. काले झंडे दिखाए गए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सत्तारूढ़ दल और उसके सहयोगियों के ऐसे हमले साबित करते हैं कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो गई है. लोकतंत्र में ऐसी चीजें नहीं होती हैं.’’
जिला तृणमूल कांग्रेस प्रमुख सौरव चक्रवर्ती ने हालांकि कहा कि घोष उत्तर बंगाल में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश कर रहे थे और उनकी पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता इस घटना में शामिल नहीं था. बिमल गुरुंग के नेतृत्व वाले जीजेएम ने हाल ही में तृणमूल कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया है जबकि गोरखा संगठन का बिनय तमांग गुट हमेशा से सत्ताधारी पार्टी का सहयोगी रहा है.