नई दिल्लीः कोरोना संक्रमण से जूझ रहे भारत में अब म्यूकोरमायकोसिस (ब्लैक फंगस) संक्रमण का खतरा तेज होता जा रहा है. महाराष्ट्र के ठाणे में इस संक्रमण के कारण दो लोगों की मौत हो गई है. ब्लैक फंगस बीमारी की चपेट में आने वाले खासकर कोरोना से उबरे वो मरीज हैं जिन्हें डायबिटीज की शिकायत है. ब्लैक फंगस की इस बीमारी के बारे में आपको हम बताएंगे कि यह कैसे फैलता है और अभी तक यह किन-किन राज्यों में पैर पसार चुका है.
किन किन राज्यों में फैला है ब्लैक फंगस
ब्लैक फंगस संक्रमण उत्तर प्रदेश के कई जिलों में देखने को मिला. इसके अलावा हरियाणा में भी इसके दो मरीज सामने आए हैं जिसके बाद डॉक्टर चौकन्ना हो गए हैं. वहीं बिहार और महाराष्ट्र में भी ब्लैक फंगस के मरीज सामने आए हैं.
ओडिशा और राजस्थान में भी ब्लैक फंगस के मरीज सामने आए हैं. वहीं गुजरात में भी कई मामले सामने आए हैं. यहां ब्लैक फंगस के कारण कई मरीजों को आंखों की रौशनी चली गई है. वहीं मध्य प्रदेश में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.
लक्षण और खतरा
ब्लैक फंगल का संक्रमण ज्यादातर उन मरीजों में देखा गया है जो डायबिटीज से पीड़ित हैं. ऐसे में कोरोना पीड़ित मरीजों को अपना सूगर लेवल का काफी ध्यान रखना चाहिए. जिससे कि इस बीमारी से बचने में मदद मिल सके.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो म्यूकोरमायकोसिस (ब्लैक फंगस) के लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, आंखों में दर्द, नाक बंद होना साइनस और देखने की क्षमता पर थोड़ा-थोड़ा असर डालता है. ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही है.
क्या है ब्लैक फंगस
भारतीय चिकित्सा विज्ञान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार ब्लैक फंगस एक दुर्लभ तरह का इंफेक्शन है. यह इंफेक्शन शरीर में बहुत तेजी से फैलता है. इस फंगस के कारण मस्तिष्क, फेफड़े और त्वचा पर भी असर देखने को मिलता है. इसके कारण कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी भी गल जाती है. अगर समय रहते इलाज न मिले तो मरीज की मौत भी हो सकती है.