ओडिशा के जंगलों में दिखा दुर्लभ प्रजाति का ब्लैक टाइगर, सोशल मीडिया पर तस्वीरें हुई वायरल
मेलानिस्टिक टाइगर केवल ओडिशा में ही पाए जाते हैं. इनकी संख्या तेजी से कम हो रही है. वन्य जीव विशेषज्ञों के मुताबिक पूरे ओडिशा में इस दुर्लभ प्रजाति के सिर्फ 7 से 8 बाघ हैं.
ओडिशा में एक दुर्लभ प्रजाति का बाघ देखा गया है. दरअसल एक फोटोग्राफर सौमेन बाजपेयी पिछले साल नंदनकानन अभयारण्य में थे, उस दौरान उन्होने दुर्लभ प्रजाति के मेलानिस्टिक टाइगर को अपने कैमरे में कैद कर लिया. सौमेन ने इस बाघ की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर किया है जो अब वायरल हो गई हैं.
विलुप्त होने के कगार पर हैं मेलानिस्टिक टाइगर
मेलानिस्टिक टाइगर विलुप्त होने के कगार पर हैं. यह एक दुर्लभ जीन पूल है, जिस पर काली पट्टियां रॉयल बंगाल टाइगर के मुकाबले ज्यादा प्रमुख हैं. मेलानिस्टिक टाइगर केवल ओडिशा में ही पाए जाते हैं. इनकी संख्या तेजी से कम हो रही है. वन्य जीव विशेषज्ञों के मुताबिक पूरे ओडिशा में इस दुर्लभ प्रजाति के सिर्फ 7 से 8 बाघ हैं. वन्य प्राणी विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि, यह भारत में पाये जाने वाले तेंदुए की ही एक प्रजाति है और रंग काला होने के कारण इसे ब्लैक पैंथर भी कहा जाता है.
1990 में पहली बार देखा गया था मेलानिस्टिक टाइगर
2018 की टाइगर जनगणना रिपोर्ट के मुताबिक काले धारीदार बाघों की संख्या में लगातार कमी आई है. अकेले ओडिशा में दुनिया के 70 प्रतिशत काले बाघ की आबादी है. सन् 1990 में भारत में पहली बार इस बाघ को देखा गया था. काले रंग के कारण इस बाघ की त्वचा में मैलोनिन नामक वर्णक अधिक पाए जाते हैं. वन विशेषज्ञों के मुताबिक ब्लैक पैंथर से दूसरे रंग के तेंदुए भी खौफ खाते हैं. इस कारण इनकी संख्या बढ़ना आसान नहीं होता है. मादा ब्लैक पैंथर ही इनके साथ थोड़ा सहज रहती है और संपर्क में आती है.
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