नई दिल्ली: बीती रात दुनिया ने सफेद चांद को लाल होते देखा. रात 11 बजकर 54 मिनट से शुरू हुआ पूर्ण चंद्रग्रहण सुबह 3 बजकर 49 मिनट तक रहा. अब चंद्र ग्रहण समाप्त हो चुका है.  रात 11 बजकर 54 मिनट के बाद चांद ने धीरे-धीरे अपना रंग बदलना शुरू कर दिया. एक वक्त चांद का रंग लाल रंग में बदल गया. जब चांद लाल हो जाता है तो इसे ब्लड मून कहा जाता है. शुरू में ये आंशिक था, लेकिन वक्त गुजरने के साथ-साथ ये पूर्ण चंद्रग्रहण में बदल गया. दिल्ली और मुंबई के लोग बादल होने की वजह से ब्लड मून का नजारा नहीं देख सके.

पूर्ण चंद्रग्रहण के वक्त होता है ‘ब्लड मून’ 

भारत में रात एक बजे पूर्ण चंद्रग्रहण शुरू हुआ था, इस दौरान चांद पूरी तरह लाल हो गया. ‘ब्लड मून’ इसके रंग की वजह से कहा जाता है. जब पूर्ण चंद्रग्रहण होता है तभी ब्लड मून होता है. इस समय चांद बेहद खूबसूरत लगता है. दरअसल चंद्रग्रहण के समय जब सूरज और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आती है तो सूरज की किरण रुक जाती है. पृथ्वी के वातावरण की वजह से रोशनी मुड़कर चांद पर पड़ती है और इसी कारण चंद्रमा लाल नजर आता है. आपको बता दें कि जब पूर्ण चंद्रग्रहण होता है तभी ब्लड मून होता है.

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भारत में कहां-कहां दिखा ‘ब्लड मून’ ?

गुवाहाटी में चंद्र ग्रहण का नज़ारा-


लुधियाना में चंद्र ग्रहण का नजारा-


तिरुवनंतपुरम में चंद्र ग्रहण का नजारा-


किसे कहते हैं चंद्र ग्रहण?

बता दें कि चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी के आ जाने को ही चंद्र ग्रहण कहते है. चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी इस प्रकार आ जाती है कि पृथ्वी की छाया से चंद्रमा का पूरा या आंशिक भाग ढक जाता है. इस स्थिति में पृथ्वी सूर्य की किरणों के चंद्रमा तक पहुंचने में अवरोध लगा देती है तो पृथ्वी के उस हिस्से में चंद्र ग्रहण नजर आता है.

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