कोस्टल रोड को लेकर बीएमसी और वर्ली के मछुआरों के बीच हुई सुलझ, पिछले पांच साल से चल रहा था विवाद
कोस्टल रोड को लेकर बीएमसी और वर्ली के मछुआरों के बीच विवाद सुलझ गया है, बीएमसी ने दोनों पिलर के बीच की दूरी 120 मीटर रखने का निर्णय लिया है.
Mumbai Coastal Road: तटीय सड़क परियोजना के खंभों के बीच की दूरी को लेकर नगरपालिका और वर्ली कोलीवाडा के मछुआरों के बीच विवाद आखिरकार सुलझ गया है. मछली पकड़ने वाली नावों की दुर्घटना से बचने के लिए बीएमसी ने तटीय सड़क परियोजना में वर्ली में समुद्र में तीन पिलर 7 से 9 के बीच पिलर नंबर 8 को रद्द करने और दोनों पिलर के बीच की दूरी 120 मीटर रखने का निर्णय लिया है. तटीय सड़क परियोजना में, वर्ली में समुद्र में दो खंभों के बीच की दूरी 60 मीटर रखी गई थी.
बीएमसी और वर्ली के मछुआरों के बीच क्या था विवाद
वर्ली-कोलीवाडा स्थित क्लीवलैंड जेट्टी से प्रतिदिन मछली पकड़ने वाली सैकड़ों नौकाएं समुद्र में मछली पकड़ने जाती हैं. खंभों के बीच की छोटी दूरी इन नावों के लिए दुर्घटना का कारण बन सकती थी इस डर से मछुआरों ने दूरी 200 मीटर रखने की मांग की थी. हालांकि बीएमसी ने इस मांग को खारिज कर दिया था, इसलिए पिछले दो वर्षों से महा नगरपालिका और मछुआरों के बीच कई संघर्ष भी हुए थे. इसके चलते कुछ महीनों के लिए समुद्री तट रेखा का काम बंद कर दिया गया था.
नगरपालिका ने क्या लिया फैसला
इस अध्ययन के लिए विशेषज्ञों ने नगर पालिका से दो खंभों के बीच की दूरी 160 मीटर करने का अनुरोध किया. पिछले दो साल से चल रही चर्चाओं और बैठकों के बाद आखिरकार महा नगरपालिका ने यह दूरी 120 मीटर रखने का फैसला किया है और मछुआरा संघों को पत्र के माध्यम से सूचित कर दिया गया है. तटीय सड़क परियोजना में कुल 11 पिलर बनाए जाएंगे और 5 पिलर का निर्माण पूरा हो चुका है. तो 7 से शुरू होने वाले पिलर के काम में पिलर नंबर 8 कम हो जाएगा और दो पिलर 7 से 9 के बीच की दूरी 120 मीटर हो जाएगी.