मुंबई: बुधवार को बीएमसी का बजट पेश किया जाएगा. बीएमसी का बजट देश के कई छोटे राज्यों से भी बड़ा होता है. ऐसे में इसकी अहमियत भी ज्यादा है. कल बजट का एलान होने जा रहा है. बजट के एलान से पहले बीजेपी और शिवसेना में इसे लेकर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है.


बीजेपी ने आरोप लगाया है कि बीएमसी आर्थिक कंगाली की राह पर है. बीजेपी के आरोप पर शिवसेना कह रही है कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने मुंबई की केंद्रीय बजट में अनदेखी की है.


कल बीएमसी की ऐतिहासिक इमारत में बजट प्रस्तुत होने से पहले आज बीजेपी ने बीएमसी पर शासन करने वाली शिवसेना और बीएमसी प्रशासन के ऊपर करारा हमला बोला है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि इस शासन में बीएमसी आर्थिक दिवालिया और आर्थिक कंगाली की राह पर बढ़ चुकी है.


बीजेपी का यह भी आरोप है कि बजट में लोगों पर नए कर लगेंगे. बीजेपी के इन आरोपों पर मुंबई की मेयर शिवसेना नेता किशोरी पेडणेकर ने कहा है कि मुंबई बीजेपी के नेता केंद्र सरकार की भाषा बोल रहे हैं. केंद्र ने मुंबई की केंद्रीय बजट में अनदेखी की. मुंबई के लोगों को कुछ नहीं दिया. इसके बाद भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में अच्छा बजट सामने रखा जाएगा.


दरअसल देश की सबसे धनवान नगर निगम बीएमसी में कोरोना के दौर पर भयंकर आर्थिक चोट पड़ी है. हर साल बजट में आय के जिन संसाधनों का जिक्र होता है पिछले 3 क्वार्टर में उस आय में सिर्फ 25% की प्राप्ति हुई है. इसी को लेकर बीजेपी नेता आरोप लगा रहे हैं. बीएमसी में बीजेपी के फ्लोर लीडर विनोद मिश्रा ने कहा, "गड़बड़ी के बीच पूंजी है नहीं. अब बड़ा बजट दिखाने के लिए शिवसेना प्रशासन के साथ मिलकर आंकड़ों की गड़बड़ी करेगी."


बीजेपी का कहना है की इमरजेंसी फंड भी खाली हो चुका है. बीजेपी के इन तमाम आरोपों को लेकर शिवसेना नेता मुंबई की मेयर किशोरी पेडणेकर का कहना है कि उनकी प्राथमिकता लोगों की जान बचाने की थी और उनके प्रशासन ने वो काम किया है. दूसरी जगहों की तुलना में संतुलित पैसे खर्च किए गए हैं. राजनीतिक रसाकशी तो जारी है. अब इंतजार सबको कल के बजट का है.


गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे संजय राउत, कहा- राकेश टिकैत की आंखों में आंसू देख नहीं रह सका