Mumbai Politics: बीएमसी चुनाव के पहले इस थियेटर को खोलने की डिमांड, बीजेपी नेताओं की CM को चिट्ठी
बीएमसी चुनाव के पहले मुंबई में जानेमाने लेखक और लोक कलाकार अन्नाभाऊ साठे के नाम पर थियेटर को जल्द खोलने की मांग तेज हो गई है. बीजेपी नेताओं ने इसको लेकर सीएम को लेटर लिखा है.
MLC Election: BJP से विधानपरिषद के विधायक (MLC) गोपीचंद पडलकर ने मुंबई के भायखला इलाक़े में मौजूद थिएटर की खराब हालत की ओर महाराष्ट्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने कहा, "इस थियेटर का काम जल्द से जल्द पूरा करें." उन्होंने इसे दिवाली तक लोगों के लिए खोलने की मांग की.
पडलकर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लिखे पत्र में कहा कि यह अन्नाभाऊ साठे संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन की एक मजबूत आवाज थे. जिन्होंने अपने साहित्य और गीतों के मदद से लोगों के दर्द को दुनिया में कई लोगों तक पहुंचाया. उनके किए कामों से आज भी हमें प्रेरणा मिलती है. BJP विधायक गोपीचंद पडलकर ने आगे कहा है कि पिछले 38 साल से मुंबई के भायखला में अन्नाभाऊ साठे के नाम से थिएटर बंद है. थिएटर की खराब हालत के कारण महाराष्ट्र के तमाम लोक कलाकारों और अन्नाभाऊ साठे की उपलब्धियों का अपमान हो रहा है.
थियेटर में लोक कलाओं का होता था प्रदर्शन
गोपीचंद पडलकर ने अपने पत्र में लिखा है कि 1963 से, इस खुले थियेटर का उपयोग लावणी, भरूद जैसे लोक कलाओं का प्रदर्शन के लिए किया जाता था. 450 दर्शकों के लिए यह खुला थियेटर नगर निगम ने शुरू किया गया था. इस थियेटर को साल 1984 में बंद कर दिया गया था. हॉल को नया बनाने के प्रपोज़ल पर साल 2003 तक टेडंर निकाला गया था, लेकिन सिर्फ इस पर चर्चा की गई. उस समय 13 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद थी, लेकिन उस समय के गठबंधन सरकार के फंड देने से इनकार करने के कारण इस हॉल की मरम्मत का काम रोक दिया गया था.
देवेंद्र फडणवीस ने तैयार किया था प्रपोज़ल
पडलकर ने बताया की साल 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रपोज़ल तैयार किया था. उसके बाद 750 सीटों की क्षमता वाला एक हॉल बनाया गया. “साल 2021 से 17 महीने बाद भी, हॉल उद्घाटन का इंतजार कर रहा है. यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के प्रयासों से रूस में अन्नाभाऊ साठे की प्रतिमा का अनावरण किया गया, लेकिन मुंबई में ऑडिटोरियम खोलने का काम 17 महीने से रोका हुआ है, इसे दिवाली से पहले ट्रैक पर लाना चाहिए और लोक कलाकारों के दर्शकों के लिए थिएटर खोलना चाहिए.