मुंबई: बृहन्‍मुंबई महानगर पालिका (BMC) लिए निजी कंपनियों से एक करोड़ वैक्सीन खरीदने के लिए ग्लोबल टैंडर निकाला था ताकि मुंबई में वैक्सीन अभियान को तेज किया जाए. हालांकि इसमें किसी कंपनी की रुचि नहीं दिखाने के बाद टैंडर को expression of interest (EOI) में बदल दिया गया था और इसकी आखिरी मियाद को भी कई बार बढ़ाया गया. अब 1 जून को इसकी मियाद खत्म होने के बाद नौ कंपनियों ने बीएमसी टैंडर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. आखिरी दिन दो कंपनियों BMC के EOI में रुचि दिखाई. ये सभी प्रतिक्रिया वैक्सीन निर्माता कंपनियों के सहायक (डिस्ट्रब्यूटर) की ओर से आई है. अंतिम दिन जिन कंपनियों की प्रतिक्रिया आई वे Johnson & Johnson और Sputnik V वैक्सीन देने के लिए राजी हैं.


कंपनियों की छानबीन की जा रही


BMC के अधिकारी का कहना है कि बोली लगाने वाली कंपनियों के दस्तावेज की जांच की जा रही है. अगले कुछ दिनों में अगर इन कंपनियों का वैक्सीन निर्माता कंपनियों से लिंक सत्य पाए गए तो इनमें से कुछ को वैक्सीन की सप्लाई के लिए अधिकार दे दिए जाएंगे. जिन नौ कंपनियों ने वैक्सीन सप्लाई की बात कही है, उनमें से आठ ने Sputnik V और Sputnik V Light वैक्सीन देने की बात भी कही है. BMC के अधिकारी ने बताया कि एक भारतीय फर्म ने सभी कंपनियों की वैक्सीन देने की बात कही है. इनमें एक डोज वाली Johnson & Johnson वैक्सीन की भी बात है. 


दो कंपनियों ने स्पूतनिक V और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन देने का वादा किया


इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक बीएमसी के एडिशनल मुनिसपल कमिश्नर पी वेलरासु ने बताया मंगलवार को हमें दो भारतीय फर्मों से जवाब मिले. इनमें से एक ने Johnson & Johnson की वैक्सीन सप्लाई करने का दावा किया है जबकि दूसरी कंपनी ने Sputnik V देने का वादा किया है. हालांकि इन दोनों फर्मों का प्रस्ताव अधूरा है क्योंकि दोनों ने वैक्सीन निर्माता कंपनी से अपने लिंक संबंधी अधिकृत दस्तावेज नहीं दिए हैं. न ही वैक्सीन निर्माता से अपने संबंधों के बारे में विस्तार से बताया है. 


कई बार बढ़ी टेंडर की तारीख


BMC के ग्‍लोबल टेंडर में फाइजर, एस्‍ट्राजेनेका और स्‍पूतनिक वैक्‍सीन की सप्‍लाई के लिए बोली प्राप्‍त हुई हैं. हालांकि कुछ दिन पहले फाइजर के एक प्रवक्‍ता ने कहा था कि ना तो फाइजर और ना ही उसकी कोई सहयोगी कंपनी भारत समेत अन्‍य देशों में किसी को भी फाइजर-बायोएनटेक कोरोना वैक्‍सीन के आयात, बाजारीकरण या वितरण के लिए अधिकृत करती है. उनका कहना है कि कंपनी लगातार भारत सरकार के साथ बातचीत कर रही है ताकि उसकी वैक्‍सीन को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर उपलब्‍ध कराया जा सके. ऐसे में बीएमसी ने अपने ग्‍लोबल टेंडर की तय समय को आगे बढ़ा दिया था ताकि बोलीकर्ता अपनी बोली के संबंध में दस्‍तावेज भेज सकें.