मुंबई: बीएमसी प्रशासन ने गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कहा है कि वह घर-घर जाकर अभी वैक्सीन नहीं लगा सकते हैं. बीएमसी ने ये हलफनामा उस याचिका के बाद दिया है, जिसमें मांग की गई थी कि बीएमसी मुंबई में बुजुर्गो और दिव्यागों को घर घर जाकर वैक्सीन लगाए. 


बीएमसी ने अपने हलफनामे में कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन में ऐसा अभी तक नहीं है, अगर सरकार ऐसी गाइडलाइन जारी करती है, तो वह जरूर घर जा घर घर जाकर वैक्सीनेशन का काम करेंगे. बीएमसी के इस जवाब पर हाई कोर्ट ने निराशा जताई है.


बीएमसी अधिकारियों की मानें तो बीएमसी को अगर पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन मिलती रहे तो वह जल्द से जल्द पूरी मुंबई में लोगों को वैक्सीन लगा सकते हैं और मुंबई में कुछ महीनों के अंदर ही वैक्सीनेशन का काम पूरा हो सकता है, लेकिन उन्हें पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन नहीं मिल पा रही है.


महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के मुताबिक मुंबई समेत महाराष्ट्र में वैक्सीनेशन बहुत ज्यादा जरूरी है. इसी वजह से महाराष्ट्र में डेढ़ हजार के करीब वैक्सीनेशन सेंटर खोले गए हैं. पर वैक्सीन का स्टॉक लिमिटेड होने के चलते वैक्सीनेशन की मुहिम थोड़ी धीमी हुई है. इसके बावजूद महाराष्ट्र में दो करोड़ से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है. जो महाराष्ट्र की जनसंख्या के हिसाब से करीबन 20 फ़ीसदी है.


महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी किए आंकड़ों के मुताबिक राज्य में कुल 1,444 वैक्सिनेशन सेंटर हैं. अब तक राज्य में 2,03,35,999 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. 


फिलहाल बॉम्बे हाई कोर्ट ने केंद्र द्वारा गठित कोरोना वायरस के वैक्सीनेशन के लिए विशेषज्ञों की समिति एनईजीवीएसी को घर घर जाकर टीका देने के मुद्दे पर फिर से विचार करने को कहा है और इस मामले की सुनवाई 2 जून तक के लिए टाल दी. बॉम्बे हाई कोर्ट वकील ध्रुति कापड़िया और कुणाल तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी.


आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी प्रशासन पहले से ही वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र सरकार को घेर रही है और अब घर घर वैक्सीन लगाने के मामले को भी केंद्र सरकार के पाले में डाल दिया है.


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