मुंबई: राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस इस बार बीएमसी में अपने अस्तित्व की लडाई लड़ रही है. हालत ये है कि राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई और शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे को गठबंधन के लिए सात बार फोन किया, लेकिन उद्धव ने एक बार भी राज का फोन नहीं उठाया.
राज ठाकरे ने गठबंधन का प्रस्ताव लेकर MNS नेता बाला नांदगांवकर को भेजा
दरअसल जब से शिवसेना ने बीजेपी से अपना गठबंधन तोड़ा है, तब से राज ठाकरे इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश में लगे हैं. बीएमसी चुनाव के लिए राज ठाकरे की शिवसेना के साथ गठबंधन करना चाहते हैं. लेकिन जब उद्धव ठाकरे ने उनका फोन नहीं उठाया तो राज ठाकरे ने अपने खास नेता बाला नांदगांवकर को प्रस्ताव लेकर उद्धव के घर मातोश्री भेजा.
एमएनएस के नेता बाला नांदगांवकर ने कहा, ‘’मेरे सामने राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को सात बार फोन किया. हमने एक लाइन का प्रस्ताव दिया था कि हमारी सीटें हमें चाहिए बाकी आप बड़े भाई हो हम छोटे भाई है, बाकी हमारी कोई शर्त नहीं है.
उद्धव ठाकरे ने किसी प्रस्ताव के मिलने की बात से इंकार किया
हालांकि शिवसेना के तेवरों से ऐसा लग रहा है कि वो फिलहाल एमएनएस के साथ किसी गठजोड़ के मूड में नहीं है. खुद उद्धव ने एमएनएस की तरफ से किसी प्रस्ताव की बात को ही खारिज कर दिया.
उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘’मेरे पास गठबंधन के लिए कोई प्रस्ताव नहीं आया है. अब यह सब खबरे आप मीडिया के माध्यम से ही सुन रहा हूं कि किसे फ्रेंडली मैच करना है और किसी को क्या करना है. और उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी.’’
सवाल ये है कि क्या राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र की सियासत में अपनी अंतिम सांसें गिन रही है. वरना राज ठाकरे को शिवसेना के सामने ऐसे हाथ फैलाने की जरूरत क्यों पड़ती.