COVID-19: फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए बूस्टर डोज जरूरी, BMC ने कोविड टास्क फोर्स को भेजा प्रस्ताव
COVID-19: डॉ. बेहराम पद्रीवाला ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि वैक्सीन का असर दिन प्रतिदिन लोगों में कम होते जा रहा है. उन्होंने कहा कि फ्रंटलाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज देने की सबसे ज्यादा ज़रूरत है.
COVID-19 Update: देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर अभियान जारी है. इस बीच बूस्टर डोज को लेकर भी चर्चा हो रही है. मुंबई महानगर पालिका ने महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स के फ्रंटलाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज देने का प्रस्ताव भेजा है. बीएमसी का मानना है कि फ्रंटलाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज देना जरुरी है. बीएमसी का कहना है कि मुंबई में टीकाकरण की प्रक्रिया को शुरू हुए 10 महीने से ज्यादा हो गए हैं. ऐसे में लोगों में एंटीबॉडी का असर कम होने की संभावना जताई जा रही है.
क्या कम हो रहा है वैक्सीन का असर ?
कोरोना का टीका ले चुके लोगों में क्या अब एंटीबॉडी का असर कम होते जा रहा है? इसका जवाब देने के लिए वोक्खर्डट् हॉस्पिटल (wockhardt hospital) के डॉ बेहराम पद्रीवाला ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि वैक्सीन का असर दिन प्रतिदिन लोगों में कम होते जा रहा है. उन्होंने कहा कि फ्रंट्लाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज देने की सबसे ज्यादा ज़रूरत है क्योंकि वो ही ज्यादा खतरे में होते हैं. डॉ बेहराम पद्रीवाला का यह भी मानना है कि अब तक किसी ने भी पुष्टि नहीं की है कि लोगों के लिए यह बूस्टर डोज कितना फायदेमंद होगा.
महाराष्ट्र सरकार के मुताबिक राज्य में 80 फीसदी से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है. कोविड-19 के संक्रमण को रोकने में वैक्सीनेशन ने अहम भूमिका निभाई है. अब यहां पहले की अपेक्षा संक्रमण दर बहुत कम है और मृत्य दर शून्य के करीब है. इस बीच महाराष्ट्र में कोरोना महामारी की तीसरी लहर आने की भी आशंका जताई जा रही है. हालांकि कहा ये भी जा रहा है कि टीकाकरण की दर अधिक होने से तीसरी लहर अगर आ भी गई तो वो सेकेंड वेव जैसी नहीं होगी.
इस बीच देश में कोरोना की धीमी पड़ती रफ्तार के बीच गुरुवार को 9 हजार के करीब नए मामले दर्ज किए गए हैं. वही इस दौरान महामारी से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 10 हजार से अधिक रही.