Board Result 2021: 12वीं बोर्ड परीक्षा कराने की जिद पर अड़ा आंध्र प्रदेश, सुप्रीम कोर्ट ने दी चेतावनी
आंध्र प्रदेश बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि बोर्ड की परीक्षा लेना जरूरी है. परीक्षा के दौरान कोरोनो प्रोटोकॉल का पालन होगा. 25 गुना 25 आकार के कमरे में 15 से 18 छात्र ही बैठाए जाएंगे. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? यहां खबर में पढिए.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य शिक्षा बोर्ड को आदेश दिया है कि वह रद्द की जा चुकी 12वीं की परीक्षा के रिजल्ट 31 जुलाई तक घोषित करें. कोर्ट ने कहा है सभी शिक्षा बोर्ड 10 दिन के भीतर रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया की अधिसूचना जारी कर दें. हर राज्य का शिक्षा बोर्ड स्वायत्त है. उसे अपने हिसाब से रिजल्ट की प्रक्रिया तय करने का अधिकार है.
इससे पहले कोर्ट ने कोरोना के चलते CBSE और ICSE की 12वीं की परीक्षा रद्द करने को मंजूरी दी थी. दोनों बोर्ड की तरफ से तैयार अंक देने के फॉर्मूले को भी स्वीकार किया था. कोर्ट में राज्य शिक्षा बोर्ड का मामला लंबित था. अधिकतर राज्य 12वीं की परीक्षा रद्द करने का निर्णय ले चुके हैं. लेकिन आंध्र प्रदेश बोर्ड जुलाई में परीक्षा आयोजित करना चाहता है.
बोर्ड परीक्षा आयोजित करना चाहता है आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश बोर्ड की तरफ से वकील महफूज नजकी ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेध माहेश्वरी की बेंच को बताया कि उनके यहां आंतरिक मूल्यांकन की प्रक्रिया नहीं है. इसलिए, परीक्षा लेना जरूरी है. वकील ने कहा कि परीक्षा के दौरान छात्रों और शिक्षकों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाएगा. कोरोनो प्रोटोकॉल का पालन होगा. 25 गुना 25 आकार के कमरे में 15 से 18 छात्र ही बैठाए जाएंगे.
लेकिन जज इन बातों से आश्वस्त नजर नहीं आए. उन्होंने कहा, "राज्य ने 5 लाख से अधिक छात्रों की परीक्षा की बात कही है. इस हिसाब से 34 हजार से ज्यादा कमरों की जरूरत पड़ेगी. क्या वह सभी कमरे ऐसे होंगे जिनमें हवा आने-जाने की सही व्यवस्था हो?" जजों ने यह भी कहा कि 5 लाख छात्रों की इस परीक्षा के लिए शिक्षकों समेत करीब 1 लाख कर्मचारियों की जरूरत पड़ सकती है. जब तक कोर्ट उनकी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त नहीं होगा, परीक्षा की अनुमति नहीं दी जाएगी.
कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार को आगाह करते हुए कहा कि इनमें से किसी को भी कोरोना हुआ या किसी की मृत्यु हुई तो उसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी. उसे प्रति मृत्यु 1 करोड़ रुपए तक मुआवजा देने के लिए भी कहा जा सकता है. जजों ने कहा कि सबने देखा है कि कोरोना की दूसरी लहर कितनी खतरनाक थी. अब तीसरी लहर का भी अंदेशा जताया जा रहा है. आंध्र बोर्ड यह जिद न करे कि उसे परीक्षा लेनी ही है. CBSE या ICSE से सलाह लेकर कोई फॉर्मूला तैयार करने की कोशिश करे. कल इन सभी पहलुओं पर आंध्र प्रदेश बोर्ड को जवाब देना है.