विकासशील इंसान पार्टी (VIP) प्रमुख मुकेश सहनी ने बोचहां विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए डॉक्टर गीता को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है. गीता बोचहां सीट से आठ बार विधायक रहे आरजेडी नेता रमई राम की बेटी हैं. मुकेश सहनी ने कहा कि एनडीए में बोचहां वीआईपी कोटे की सीट थी, लेकिन बीजेपी पार्टी से समझौता नहीं हो पाया. उन्होंने बीजेपी पर इशारों ही इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि किसी को अगर घर में रहना था, तो प्यार से मांग सकते थे, लेकिन कई तरह की बात की गई. उन्होंने बोचहां के पूर्व विधायक दिवंगत मुसाफिर पासवान को अपना अभिभावक बताया. कहा कि बोचहां में बीजेपी के साथ दोस्ताना संघर्ष होगा, लेकिन जीत हमारी होगी. मंत्री ने एनडीए में किसी प्रकार के मनमुटाव से इंकार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए की सरकार चल रही है.


बता दें बिहार की बोचहां विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. बिहार NDA में सीट वीआईपी पार्टी की थी. वीआईपी पार्टी के विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के बाद वहां उपचुनाव हो रहा है, लेकिन बीजेपी ने ये सीट वीआईपी को नहीं दी. बीजेपी खुद यहां लड़ रही है और बेबी कुमारी को प्रत्याशी बनाया है.


मुकेश सहनी इस सीट पर मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान को अपना प्रत्याशी बनाना चाहते थे, लेकिन सोमवार को ही अमर पासवान आरजेडी में शामिल हो गए और आरजेडी के प्रत्याशी बन गए. इसके बाद मुकेश सहनी ने रमई राम की बेटी को अपना प्रत्याशी बना दिया. आरजेडी पहले रमई राम की बेटी को प्रत्याशी बनाने वाली थी, लेकिन अंत समय में आरजेडी ने अमर पासवान को टिकट दे दिया. 


बीजेपी इस सीट पर अकेले ही चुनाव लड़ रही है. उसने आईपी प्रमुख मुकेश सहनी को ये सीट नहीं दी. इससे NDA में जेडीयू और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा दोनों ही भारतीय जनता पार्टी से नाराज हैं और दोनों ही यहां मुकेश सहनी के समर्थन में आ गए हैं.


UP में बीजेपी के मना करने के बावजूद सहनी 53 सीटों चुनाव पर लड़े थे. चुनाव के दौरान उन्होंने योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था. इसलिए बीजेपी ने नाराज होकर बोचहां उप चुनाव में उनका टिकट काट दिया. सहनी की पार्टी के तीनों विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. तीनों बीजेपी के कैंडिडेट थे, लेकिन 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव सहनी के पार्टी के सिंबल पर लड़े थे. सहनी का एमएलसी का कार्यकाल दो महीने में समाप्त हो रहा है. बीजेपी उनको MLC नहीं बनाने के मूड में है. इससे उनका मंत्री पद भी जा सकता है.


कल सहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश से मुलाकात की थी और बीजेपी का जो रुख है उसके बारे में जानकारी दी थी. फिर देर रात कल दिल्ली चले गए थे और आज उन्होंने दिल्ली में बीजेपी आलाकमान से मुलाकात कर सुलह की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बन पाई.


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